कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है

कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है? 1 दिन मे कैसे पाये मुक्ति

कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता हैं? कालसर्प दोष एक घातक दोष है जिसकी अवधि भी बहुत ज्यादा है अगर आपको भी किसी ज्योतिषी द्वारा आपकी कुंडली मे कालसर्प दोष बताया गया है तो आपके मन मे भी यह जिज्ञासा जरूर आई होगी की आखिर कालसर्प दोष कुंडली मे कब तक रेहता है, कितने समय बाद कालसर्प दोष खत्म हो जाता है तो आज हम आपको कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रेहता है और कालसर्प दोष से मात्र एक दिन मे कैसे मुक्ति पायी जा सकती है सारी जानकारी देने वाले है।

कालसर्प दोष कुंडली मे कितने वर्ष तक रेहता है?

ज्योतिषी शस्त्र के अनुसार कालसर्प दोष की समय सीमा कम से कम 27 से 42 वर्ष या मनुष्य की मृत्यु तक मानी जाती है। अगर समय के साथ कालसर्प दोष का निवारण न किया जाये तो यह दोष मनुष्य के लिए घातक साबित होता जाता है। कालसर्प दोष जातक की कुंडली मे पूर्वजन्म मे किए गए किसी घोर अपराध या पाप के फलस्वरूप परिलक्षित होता है।

कालसर्प योग कब तक रहता है

जातक की कुंडली मे काल सर्प दोष कब तक रहेगा, यह पूर्ण रूप से राहू की स्थिति पर निर्भर होता है। राहू के कारण ही काल सर्प दोष का समयकाल आपकी कुंडली मे कम या ज्यादा होता है।

  1. कुंडली मे यदि राहु प्रथम भाव स्थित में हो, तो कालसर्प दोष 27 वर्ष की आयु तक बना रहता है।
  2. यदि राहु द्वितीय भाव में स्थित हो,तो कालसर्प दोष 33 वर्ष की आयु तक बना रहता है।
  3. राहु तृतीय भाव में स्थित हो, तो इस दोष का समय काल 36 वर्ष हो जाता है।
  4. यदि राहु चतुर्थ भाव में स्थित हो, तो इस दोष की समयावधि 42 वर्ष तक होती है।
  5. यदि राहु पंचम भाव में स्थित हो, तो कालसर्प दोष 48 वर्ष की आयु तक बना रहता है।
  6. राहु छठवे भाव में स्थित हो, तो कालसर्प दोष 54 वर्ष की आयु तक बना रहता है।

राहू और केतू क्या है?

सबसे पहले हम यह समझते है की आखिर राहू और केतू क्या है? और कैसे यह व्यक्ति के जीवन मे आने वाली बाधाओ का कारण बनते है।

राहू और केतू दो छायादार ग्रह है जिन्हे पौराणिक कथाओ मे एक ग्रह राहू को सर्प का सिर वाला भाग और केतू को धड़ ( अर्थात गले से नीचे वाला भाग ) माना जाता है। ज्योतिषीय शास्त्रो मे इन दोनो ग्रहो को अशुभ माना जाता है, इसी कारण यदि व्यक्ति की कुंडली के सभी ग्रह इन दोनों ग्रहो के बीच मे आ जाए तो तो व्यक्ति को काल सर्प दोष का सामना करना पड़ता है।

किसी भी जातक की कुंडली मे काल सर्प दोष हो तो उसे राहू और केतू शांति मंत्र का पाठ करना चाहिए, ताकि कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सके।

कालसर्प दोष के नुकसान क्या है?

कालसर्प दोष कितने वर्ष तक रहता है?

कालसर्प दोष के जातक को अपनी जीवन मे कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, और इस दोष के जातक सदैव ही चारों दिशाओ से समस्याओं मे घिरे हुए रहते है, और जीवन मे हमेशा परिश्रम करते रहते है।

कुंडली में कालसर्प दोष की स्थिति उत्पन्न होने पर मुख्यतः इस दोष के दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं। यदि किसी जातक की कुंडली में यह दोष उत्पन्न हो जाता है तो उस जातक के विवाह में रुकावट या अड़चनें आती हैं। जातक का विवाह नहीं हो पाता है। यदि किसी प्रकार विवाह संपन्न हो जाए तो जातक वैवाहिक सुख को अधिक समय तक नहीं भोग पाता है और उसका वैवाहिक जीवन संकट में आ जाता है।

कालसर्प दोष से होने वाले नुकसान कुछ इस प्रकार है-

  • वैवाहिक जीवन मे हमेशा कलेश होना।
  • संतान सुख की प्राप्ति न होना।
  • घर मे लड़ाई झगड़े होना।
  • व्यापार मे सदैव हानी होना।
  • कठिन परिश्रम करने के बाद भी सफलता न मिलना।
  • सपने मे किसी मृत परिजन को देखना।
  • दैनिक जीवन मे तनाव बना रहना।
  • आर्थिक स्थिति मे कोई सुधार न आना।

एक दिन मे कैसे पाये कालसर्प दोष से मुक्ति?

मात्र एक दिन की कालसर्प दोष निवारण पूजा के द्वारा इस दोष को और इसके दुष्प्रभावो को जल्द ही समाप्त किया जा सकता है। कालसर्प दोष का समय पर निवारण करना जरूरी होता है। क्योकि कालसर्प दोष का समय पर निवारण न किया जाए, तो व्यक्ति को 27 से 54 वर्ष की आयु तक संघर्षो और कठिनाइयो का सामना करना पड सकता है।

अगर आपके जीवन मे भी ऊपर बताई गयी परेशानियाँ है तो आपको अवश्य ही कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाने की जरूरत है, कालसर्प दोष पूजा के लिए सबसे उचित स्थान है, महाकाल की नगरी उज्जैन को सबसे सर्वश्रेष्ठ स्थान माना जाता है। उज्जैन मे कालसर्प दोष पूजा करवाने से आपको 100% परिणाम मिलेगा।

एक बात का भी अवश्य ध्यान रखे की यह जरूरी नहीं है की आपके की जीवन मे भी यह समस्याएँ आ राही हो और तो आपकी कुंडली मे भी कालसर्प दोष हो और अगर दोष हो भी तो हमे पहले पूर्ण जानकारी लेनी चाहिए की आपकी कुंडली मे राहू और केतू की क्या स्तिथि है,और कुंडली मे कौनसा योग बना हुआ है।

कालसर्प दोष की पूर्ण जानकारी लेने के लिए आप उज्जैन मे प्रशिद्ध पंडित कांता शर्मा जी से बात करके निशुल्क मे परामर्श ले सकते है। पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है, एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए 15 वर्षो से भी ज्यादा समय हो गया है।

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