पद्म कालसर्प दोष क्या है?

क्या है पद्म कालसर्प दोष? उज्जैन में कराये दोष निवारण पूजा

पद्म कालसर्प दोष कोई साधारण बाधा नहीं, यह तो जीवन की उस कमल की तरह है जो कीचड़ में फंसकर भी खिलने की कोशिश करता है। यह दोष जीवन के उन क्षेत्रों को प्रभावित करता है जहाँ व्यक्ति अपने सुख और स्थिरता की सबसे अधिक कामना करता है- परिवार, विवाह, संतान और मन की शांति। इस दोष का एकमात्र प्रभावी उपाय है उज्जैन में पद्म कालसर्प दोष पूजा।

पद्म कालसर्प दोष व्यक्ति के जीवन में भ्रम, अस्थिरता और मानसिक चिंता लाता है। परंतु वैदिक विधि से उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा से इस दोष के प्रभाव को पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है। यदि आप इस दोष से पीड़ित हैं, तो देर न करें और उज्जैन के अनुभवी पंडित कांता शर्मा जी के मार्गदर्शन में यह पूजा अवश्य करवाएं।

पद्म कालसर्प दोष क्या है? इसकी विशेषता समझाइए

पद्म काल सर्प दोष

पद्म कालसर्प दोष, कालसर्प के बारह रूपों में से पांचवां है। पद्म शब्द कमल को दर्शाता है – सुंदर लेकिन कीचड़ में जन्मा। ज्योतिषी बताते हैं कि यह दोष तब बनता है जब राहु पांचवें घर में और केतु ग्यारहवें में हों, बाकी ग्रह बीच में हो। लेकिन, यह कोई अभिशाप नहीं, वैदिक ग्रंथों में इसे मायावी सर्प कहा गया है, जो पिछले जन्मों के कर्मों – जैसे पूर्वजों का अपमान या सर्प से जुड़े पाप – का प्रतिबिंब है।

यह दोष विशेष रूप से व्यक्ति की बुद्धि, संतान, शिक्षा, और कर्म से जुड़ा होता है। इस दोष से ग्रस्त व्यक्ति बहुत मेहनत करने के बाद भी अपेक्षित परिणाम नहीं पा पाता। कई बार भाग्य साथ नहीं देता और जीवन में असंतोष बना रहता है।

पद्म कालसर्प दोष के प्रमुख कारण

पद्म कालसर्प दोष सिर्फ ग्रह स्थिति के कारण नहीं बनता, बल्कि इसके पीछे कुछ गहरे कर्म संबंधी कारण भी होते हैं, जो की निम्नलिखित है:

मुख्य कारण:

  1. पिछले जन्म के कर्मों का प्रभाव या अधूरी इच्छाएँ।
  2. पूर्वजों के अशुद्ध कर्म या अनुष्ठान का अभाव।
  3. राहु और केतु के अशुभ प्रभाव का बढ़ जाना।
  4. जीवन में नकारात्मक सोच, ईर्ष्या या असंतुलित निर्णय लेना।

पद्म कालसर्प दोष के प्रभाव कौन-कौन से है?

पद्म कालसर्प दोष का प्रभाव ऐसा है जैसे कमल की जड़ें कीचड़ में उलझी हों – ऊपर तो फूल खिलता है, लेकिन नीचे संघर्ष। सबसे पहले, संतान सुख पर असर: विवाह के बाद गर्भधारण में देरी, या बच्चों की सेहत की चिंता। यह दोष बुद्धि को भ्रमित करता है – एकाग्रता की कमी, रचनात्मक विचारों का बिखराव करता है।

सामाजिक जीवन: ग्यारहवें भाव के प्रभाव से मित्रों से विश्वासघात, सामाजिक अपमान का अहसास। आर्थिक लाभ रुक जाता है – निवेश में नुकसान, व्यापार में उतार-चढ़ाव।

स्वास्थ्य समस्या: पेट संबंधी रोग, त्वचा की समस्याएं, या मानसिक तनाव जैसे डिप्रेशन। लेकिन यह दोष हमेशा नकारात्मक नहीं। यदि गुरु या बुध मजबूत हों, तो यह रचनात्मकता और आध्यात्मिक झुकाव देता है।

  • करियर या व्यापार में स्थिर नहीं रह पाता,
  • रिश्तों में मतभेद झेलता है,
  • मानसिक रूप से कमजोर महसूस करता है।

पद्म कालसर्प दोष के उपाय कौन-कौन से है?

उज्जैन में पद्म कालसर्प दोष पूजा: सबसे सटीक और रामबाण उपाय

पद्म कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए वैदिक विधि से पूजा करना अत्यंत आवश्यक है। उज्जैन वह पवित्र स्थान है जहाँ भगवान महाकालेश्वर की कृपा से राहु-केतु का प्रभाव शांत किया जाता है। यहाँ की गई कालसर्प दोष पूजा से राहु-केतु के दोष शांत होते हैं और व्यक्ति के जीवन में स्थिरता आती है।

उज्जैन में पद्म कालसर्प दोष पूजा की विशेष विधि

  1. पंडित जी द्वारा व्यक्ति का नाम, गोत्र और जन्म विवरण लेकर संकल्प किया जाता है।
  2. भगवान शिव, नाग देवता और राहु-केतु की विशेष पूजा की जाती है।
  3. महामृत्युंजय जाप और रुद्राभिषेक के साथ दोष शांति अनुष्ठान होता है।
  4. पूजा के अंत में यजमान को नाग प्रतीक दान, वस्त्र और दक्षिणा देकर पूजन पूर्ण किया जाता है।

यह पूजा त्रिकाल संध्या (सुबह, दोपहर और शाम) में विशेष रूप से की जाती है।

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा में कितना खर्च आता है?

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा में आने वाला खर्च पूजा पंडित, स्थान, दक्षिणा, दोष का प्रकार और सामग्री पर निर्भर करता है। इस पूजा का खर्च लगभग ₹2,100-₹5,100 तक हो सकता है, लेकिन यह एक अनुमानित खर्च है जो की भिन्न हो सकता है। पूजा की सटीक जानकारी के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और पंडित कांता शर्मा जी से संपर्क करें।

पद्म कालसर्प दोष पूजा के लाभ क्या है?

  1. राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति
  2. शिक्षा, करियर और संतान से जुड़ी रुकावटों का अंत
  3. मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि
  4. धन और समृद्धि में स्थायित्व
  5. जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का आगमन

पद्म कालसर्प दोष पूजा का सही समय कौन-सा है?

इस पूजा के लिए सबसे शुभ समय होता है:

  • नाग पंचमी
  • महाशिवरात्रि
  • श्रावण मास
  • अमावस्या या पितृपक्ष के दिन

इन दिनों में पूजा करने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

पद्म कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में कैसे बुक कराएँ?

पद्म कालसर्प दोष पूजा उज्जैन न केवल प्रभाव मिटाती है, बल्कि जीवन को नई दिशा देती है। यदि आपकी कुंडली में यह है, तो ज्योतिषी से संपर्क करें, मुहूर्त चुनें और सही मुहूर्त में पूजा की बुकिंग उज्जैन के योग्य पंडित कांता शर्मा जी से संपर्क करें।

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