कालसर्प दोष निवारण के लिए अपनाए यह अचूक उपाय
जब कोई व्यक्ति जन्म लेता है, तो उसके जन्म के समय ग्रहो की स्थिति के अनुसार उसकी जन्मकुंडली मे कई प्रकार के योग बनते है। कुंडली मे इस प्रकार के योग बनने से या तो व्यक्ति को लाभ होता है, या उसे अपने जीवन मे बहुत सारी समस्याओ का सामना करना पड़ेगा।
ज्योतिष शास्त्र मे भी कई प्रकार के योग और दोष बताए गए है, जो व्यक्ति के जीवन मे आने वाली समस्याओ का कारण बनते है, इन्ही मे से एक अभिशप्त दोष कालसर्प दोष योग है। आज हम आपको बताने जा रहे है, कालसर्प दोष निवारण के कुछ अचूक उपायो के बारे मे जिन्हे अपनाकर आप कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव को समाप्त कर सकते है।
माना जाता है की जो व्यक्ति कालसर्प दोष से ग्रस्त होता है, उसका जीवन संघर्षो से घिर जाता है। उसके जो भी महत्वपूर्ण कार्य होते है, वह सभी समय पर पूरे नहीं होते है। घर मे कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं नहीं हो पाते, और भी ऐसी बहुत सी समस्याए और परेशानिया है जो कालसर्प दोष के कारण आती है। इन्ही सभी समस्याओ और कालसर्प दोष को दूर करने के महत्वपूर्ण और अचूक उपाय / तरीके नीचे दिये गए है।
कालसर्प दोष के उपाय
कुछ उपायों को अपनाकर व्यक्ति काल सर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकता है, और इस योग के हानिकारक प्रभाव से खुद को बचा सकता है।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप दिन में दो बार 11 बार करें।
- ‘ॐ नागकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात‘ का जाप करें।
- ज्योतिषी के परामर्श से राहु और केतु की पूजा करें।
- सर्प मंत्र और सर्प गायत्री मंत्र का जाप करें।
- प्रत्येक श्रावण मास में शिवलिंग का जलाभिषेक करें।
- 11 सोमवार का व्रत रखें।
- राहू केतू मंत्र का जाप करना चाहिए।
- नाग पंचमी के अवसर पर शिव मंदिर की सफाई करना चाहिए।
- सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाकर रुद्राभिषेक करना।
- राहु के बीज मंत्र का 108 बार जाप करना और हाथ में सुलेमानी की डोरी रखना।
- धातु के बने नाग और नागिन के 108 जोड़े नदी में प्रवाहित करें। सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करना लाभकारी उपाय है। काल सर्प गायत्री मंत्र का जाप भी महत्वपूर्ण है।
- महामृत्युंजय मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें। यह आपके दिल को सकारात्मक विचारों और आत्मविश्वास से भर देगा।
- व्यक्ति को नाग पंचमी का व्रत करना चाहिए, ताकि काल सर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके।
- विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए अपनाए ये उपाय-
ऊपर जो उपाय दिये गए है, उनसे कालसर्प दोष का दुष्प्रभाव कम तो हो जाता है, किन्तु पूर्ण रूप से समाप्त नहीं होता है। कालसर्प दोष निवारण के लिए एक मात्र लाभकारी और अचूक उपाय कालसर्प दोष निवारण पूजा है। इस पूजा के बाद ही आप कालसर्प दोष और इसके दुष्प्रभाव से सदैव के लिए मुक्त हो सकते है।
कालसर्प दोष पूजा के लिए मध्यप्रदेश मे स्थित उज्जैन महत्वपूर्ण स्थान है। कालसर्प दोष निवारण पूजा या अन्य किसी भी प्रकार की कोई भी पूजा उज्जैन मे की जाए, वह निष्फल नहीं होती है। क्योकि यह भगवान शिव स्वयं महाकाल रूप मे विराजित है।
उज्जैन मे कैसे कराये कालसर्प दोष पूजा?
कालसर्प दोष पूजा उज्जैन मे करवाने के लिए आप गुरुजी से संपर्क कर सकते है। पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है। गुरुजी को पिछले 15 वर्षो से अधिक समय से कालसर्प दोष और अन्य सभी प्रकार की पूजाओ को करने का अनुभव प्राप्त है।
वर्तमान में पंडित जी पूरी उज्जैन नगरी में कालसर्प पूजा के सर्वश्रेष्ठ विद्वानोँ की श्रेणी में अग्रणी है, कालसर्प दोष पूजा के अलावा पंडित जी ने नवग्रह शांति, मंगलभात पूजा, मंगलशांति पूजा, रुद्राभिषेक, ग्रहण दोष निवारण, महामृत्युंजय जाप, चांडाल दोष निवारण, पितृ दोष निवारण, जैसे अनुष्ठानों को सम्पूर्ण वैदिक पद्धति द्वारा संपन्न किया है।
पंडित जी के पास वर्षभर कालसर्प दोष निवारण पूजा के लिए लोग आते है, और कालसर्प दोष और इसके दुष्प्रभाव से छुटकारा पाते है। अगर आप भी कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना चाहते है, तो नीचे दी गई बटन पर क्लिक करके पंडित जी से बात कर सकते है।