kaalsarp dosh ki puja kab hoti hai

कालसर्प दोष की पूजा कब होती है?

कालसर्प दोष एक ऐसी विशेष और जटिल परिस्थिति है जो व्यक्ति के जीवन मे कई प्रकार की समस्याओ और परेशानियों का कारण बनती है। कुंडली मे कालसर्प दोष का पता चल जाने के बाद कुछ ही दिनो मे कालसर्प दोष निवारण की पूजा करनी चाहिए। व्यक्ति को यह तो पता चल जाता है की कुंडली मे कालसर्प दोष है किन्तु उसे यह नहीं पता होता की आखिर कालसर्प दोष की पूजा कब होती है?

आज इस लेख के माध्यम से आपको यही बतायेंगे की वर्ष 2023 मे आप कौन कौन सी तिथियो पर कालसर्प दोष की पूजा करवा सकते है।

वर्ष 2023 मे कालसर्प दोष पूजा के लिए शुभ मुहूर्त

अगर आपकी कुंडली मे भी कालसर्प दोष है , तो आप नीचे दी गई तिथियों के अनुसार पूजा करवा सकते है, पूजा कराने से पूर्व एक बार ज्योतिषी से परामर्श अवश्य ले।

जनवरी 1, 2, 3, 6, 7, 8, 9, 10, 13, 14,15, 16, 21, 22, 23, 24, 26, 28, 29, 30
फरवरी 3, 4, 5, 6, 9, 11, 12, 13, 16, 18, 19, 20, 21, 22, 25, 26, 27
मार्च 1, 3, 4, 5, 6, 9, 11, 12, 13, 17, 18, 19, 20, 23, 25, 26, 27, 30
अप्रैल 1, 2, 3, 5, 8, 9, 10, 12, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 26, 29, 30
मई 1, 2, 3, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 13, 14, 15, 16, 17, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 27, 28, 29, 30
जून 1, 2, 3, 4, 5, 7, 10, 11, 12, 16, 17, 18, 19, 23, 24, 25, 26, 30
जुलाई 3, 4, 6, 7, 8, 9, 13, 14, 15, 16, 19, 20, 21, 22, 23, 25, 27, 28, 29, 30, 31
अगस्त 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24,25, 26, 27, 28 29, 30, 31
सितम्बर 1, 2, 3, 4, 5, 8, 9, 10, 11, 14, 16, 17, 18, 23, 24, 25, 26, 28, 29, 30
अक्टूबर 1, 2, 3, 6, 7, 8, 9, 10, 13, 14, 15, 16, 21, 22, 23, 25, 26, 28, 29, 30
नवंबर 3, 4, 5, 6, 9, 11, 12, 13, 18, 19, 20, 21, 22, 24, 25, 26, 27, 30
दिसंबर 2, 3, 4, 7, 9, 10, 11, 14, 16, 17, 18, 19, 21, 23, 24, 25, 27, 30, 31

कालसर्प दोष की पूजा की विशेष तिथियाँ

कालसर्प दोष की पूजा की विशेष तिथियाँ
कालसर्प दोष की पूजा कब होती है?

ऊपर दिए गए मुहूर्त के अलावा भी कुछ विशेष तिथियाँ भी होती है, इन तिथियों पर कालसर्प दोष निवारण पूजा करवा कर जातक और भी अधिक लाभ प्राप्त कर सकता है।

  • नागपंचमी – श्रावण मास मे आने वाली नागपंचमी को भी कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाने के लिए बहुत ही विशेष दिन है। नागपंचमी के दिन पूरे विधि विधान से पूजा कराने से काल सर्प दोष से मुक्ति अवश्य मिल जाती है। 
  • पितृ पक्ष – जातक पितृ पक्ष मे किसी भी दिन कालसर्प दोष शांति पूजा करवा सकता है, क्योंकि आश्विन कृष्ण पक्ष प्रथमा से अमावस्या तक के 15 दिनों में कालसर्प दोष और पितृ दोष की शांति के पूजा की जा सकती है।
  • मास शिवरात्री – हिन्दी कलेंडर के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को मास शिवरात्रि मनाई जाती है, कालसर्प दोष की पूजा के लिए मास शिवरात्री को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन पूजा करने से भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न हो जाते है, क्योकि यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है।
  • अमावस्या – ज्योतिषियो के अनुसार माना जाए तो, अमावस्या को कालसर्प दोष पूजा करवाना सबसे उत्तम माना गया है। अमावस्या मे भी माघ अमावस्या, वैशाख अमावस्या, श्रावण अमावस्या और आश्विन अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा सोमवती या शनैश्चरी अमावस्या पर भी कालसर्प दोष की पूजा की जा सकती है।

कालसर्प दोष निवारण पूजा उज्जैन

कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाने के लिए सबसे पहले जातक को अपनी जन्म कुंडली यानी जन्म पत्रिका पहले किसी योग्य ज्योतिषीय विद्वान को दिखाना चाहिए, ताकि वह ज्योतिषी यह मालूम कर सके कि जातक की कुंडली मे कालसर्प दोष है भी या नहीं। या कालसर्प दोष के साथ और अन्य कोई दोष तो नहीं है। और उसे किस तरह की पूजा करवानी चाहिए इसका भली – भाँति पता लग सके।

अगर आप उज्जैन मे कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना चाहते है, तो कांता गुरु जी से संपर्क कर सकते है, और कालसर्प दोष और इसके निवारण के बारे मे काफी अच्छे तरीके से जान सकते है।

पंडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है, एवं सभी प्रकार के दोष एवं बाधाओ के निवारण के कार्यो को करते हुए १५ वर्षो से भी ज्यादा समय हो गया है।

अगर आप भी पंडित कांता शर्मा जी से कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना चाहते है, तो नीचे दी गई बटन पर क्लिक करके पंडित जी से बात कर सकते है। 

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