कालसर्प दोष के लक्षण क्या है? कालसर्प लक्षण और निवारण उपाय
कालसर्प दोष के लक्षण क्या है? कालसर्प दोष के जातक को अपने दैनिक जीवन मे बहुत सारी कठनाइयों का सामना करना पड़ता है और वह हमेशा ही परिश्रम करने के लिए मजबूर रहते है। कालसर्प दोष के लक्षणों में लगातार नकारात्मक विचार आना, खुद को असफल समझना, आत्मघाती विचार, वैवाहिक जीवन में कलह और तनाव, संतान में रुकावट और प्रेम संबंधों में रुकावट और अन्य कई सारी समस्याएं शामिल हैं। इस दोष के चलते हुए मनुष्य को शारीरिक व आर्थिक रूप से हमेशा के लिए परेशान रहना पड़ सकता है
कालसर्प दोष के लक्षण
कालसर्प दोष के लक्षण कुछ इस प्रकार है। इन लक्षणो के आधार पर आप यहाँ जान सकते है, की आप की कुंडली मे कालसर्प दोष है या नहीं।
- खुद को असफल समझना।
- मन मे हमेशा नकारात्मक विचार आना।
- वैवाहिक जीवन मे कलह और तनाव का बना रहना।
- कठिन परिश्रम करने के बाद भी सफलता की प्राप्ति न होना।
- व्यापार मे सदैव हानी होना।
- शिक्षा के क्षेत्र मे व्रधी न होना।
- आत्महत्या करने का विचार आना।
- जीवन के हर क्षेत्र में असफलता का सामना करना पड़ता है।
- घर में मांगलिक कार्य नहीं हो पाते हैं।
- संतान प्राप्ति में बाधा आती है, संतान की उन्नति नहीं होती है।
- परिवार में खुशियां नहीं रहती हैं हमेशा तनाव की स्थिति बनी रहती है।
- सगे संबंधी ही धन के मामले में धोखा करते हैं।
- हमेशा रोगों से घिरे रहते हैं, स्वास्थ सही नहीं रहता है।
अगर आपको भी इन लक्षणो का सामना करना पड़ रहा है तो इसका मतल्व आपकी कुंडली मे भी कालसर्प दोष परिलक्षित है और आपको इसका निवाराण कराना चाहिए।
कालसर्प दोष से क्या होता है?
यदि कुंडली में कालसर्प दोष हो तो जातक को अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति हमेशा शारीरिक और आर्थिक रूप से बोझिल रहता है। इस दोष के परिणामस्वरूप, कई मूल निवासी बच्चों से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे हैं। यानी या तो वह निःसंतान रहेगा या बच्चा बीमार हो जाएगा।
कालसर्प दोष के कारण जातक की नौकरी बार-बार छूटती है और उसे कई कर्ज उठाने पड़ते हैं। यदि कुंडली में काल सर्प योग है तो उसे ज्योतिष की सहायता से ठीक करना चाहिए।
यदि आप भी लगातार इस तरह की परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो आपको तुरंत किसी उचित ज्योतिष से कुंडली जांच करवाकर इसका निवारण करवाना चाहिए।
कालसर्प दोष निवारण उपाय
- सोमवार के दिन शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाकर रुद्राभिषेक करना।
- राहु के बीज मंत्र का 108 बार जाप करना और हाथ में सुलेमानी की डोरी रखना।
- धातु के बने नाग और नागिन के 108 जोड़े नदी में प्रवाहित करें। सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करना लाभकारी उपाय है। काल सर्प गायत्री मंत्र का जाप भी महत्वपूर्ण है।
- महामृत्युंजय मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें। यह आपके दिल को सकारात्मक विचारों और आत्मविश्वास से भर देगा।
- व्यक्ति को नाग पंचमी का व्रत करना चाहिए, ताकि काल सर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके।
- विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
अगर यह सब उपाय करने के बाद भी आपको समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो,आपको अपनी कुंडली किसि अच्छे ज्योतिष को दिखाने की जरूरत है,और उनसे सलाह ले की आगे क्या करना चाहिए।
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