शंखचूर्ण कालसर्प दोष: क्या है यह योग, जाने प्रभाव, उपाय, लाभ
ज्योतिष के अनुसार, जब राहु और केतु अन्य ग्रहों को अपने प्रभाव में ले लेते हैं और शुभ ग्रह कमजोर हो जाते हैं, तब शंखचूर्णकालसर्प दोष और अधिक सक्रिय हो जाता है। शंखचूर्ण कालसर्प दोष व्यक्ति के आत्मबल को कमजोर करता है और कई बार जीवन में अचानक हानि या रुकावटें उत्पन्न करता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में शत्रु, रोग, और मानसिक अशांति से जुड़ी परेशानियाँ पैदा करता है।
यह नाम “शंखचूर्ण” इसलिए पड़ा क्योंकि यह दोष व्यक्ति के जीवन में धीरे-धीरे एक कवच की तरह बाधाएँ खड़ी कर देता है, जिससे वह अपनी मेहनत के बावजूद मनचाही सफलता प्राप्त नहीं कर पाता। शंखचूर्ण कालसर्प दोष व्यक्ति के जीवन में गहराई से प्रभाव डालता है, लेकिन सही समय पर किए गए उपाय और पूजा से इसके नकारात्मक प्रभावों को समाप्त किया जा सकता है। उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा इस दोष से मुक्ति का सबसे प्रभावी उपाय माना गया है।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष क्या है? क्यो है ये योग प्रभावी और कैसे बनता है?
कालसर्प दोष तब बनता है जब कुंडली के सभी ग्रह राहु (सर्प का सिर) और केतु (सर्प की पूंछ) के बीच फंस जाते हैं, जिससे जीवन में सर्पिल चुनौतियां उभरती हैं। शंखचूर्ण कालसर्प दोष इन 12 प्रकारों में से एक है, जो तब बनता है जब राहु नवम भाव (भाग्य, धर्म, लंबी यात्राएं) में और केतु तृतीय भाव (साहस, भाई-बहन, संचार) में होता है, और शेष ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल आदि) इनके बीच (चतुर्थ से अष्टम भाव) कैद हो जाते हैं।
यह योग पिछले जन्म के कर्मों, विशेषकर धर्म या साहस के दुरुपयोग से जुड़ा है। यह दोष 30-50 वर्ष की आयु में अधिक प्रभावी होता है, जब भाग्य और संबंधों पर संकट गहरा जाता है।
इस दोष का निर्माण ज्योतिषीय और कर्मफल आधारित कारणों से होता है। प्रमुख कारण:
- ग्रहों की स्थिति: राहु का नवम भाव में होना (भाग्य, धर्म और गुरु का कारक) और केतु का तृतीय भाव में होना (साहस, संचार और भाई-बहनों का प्रतीक)।
- ग्रहों का बंधन: सभी ग्रह राहु-केतु के बीच फंसने से जीवन में भाग्य और साहस की कमी आती है।
- पिछले जन्म के कर्म: धार्मिक विश्वासों का अपमान, गुरु या भाई-बहनों के साथ छल, या सर्प को नुकसान पहुंचाना इस दोष का कारण बनता है।
- राशि प्रभाव: धनु, मिथुन या मीन राशि वाले अधिक प्रभावित होते हैं, खासकर यदि गुरु या बुध कमजोर हों।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष के प्रभाव (Impacts of Shankhchurna Kaal Sarp Dosh) क्या है?
- शत्रु बाधा और कानूनी विवाद – इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर अपने विरोधियों या शत्रुओं से परेशानी होती है। कोर्ट केस, झूठे आरोप, या अपमान जैसी स्थितियाँ सामने आ सकती हैं।
- आर्थिक अस्थिरता – अचानक धन की हानि या निवेश में नुकसान देखने को मिलता है। मेहनत के बावजूद आर्थिक प्रगति रुक जाती है।
- स्वास्थ्य संबंधी परेशानी – पेट, नसों और मानसिक तनाव से जुड़ी बीमारियाँ आमतौर पर देखी जाती हैं।
- नींद की कमी और बेचैनी – राहु के प्रभाव से व्यक्ति को रात में बेचैनी, डर और अनिद्रा की समस्या हो सकती है।
- अवसाद और आत्मविश्वास की कमी – जीवन में कई बार व्यक्ति खुद पर भरोसा खो देता है और बार-बार असफलता का सामना करता है।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष निवारण के उपाय (Remedies for Shankhchurna Kaal Sarp Dosh) कौन-कौन से है?
उज्जैन में कालसर्प दोष निवारण पूजा : सबसे प्रभावी उपाय
उज्जैन, भगवान महाकाल की नगरी, इस दोष के निवारण के लिए सबसे पवित्र और प्रभावी स्थान माना गया है। यहाँ अनुभवी पंडितों द्वारा “कालसर्प दोष शांति पूजा” की जाती है जिसमें विशेष रूप से राहु-केतु शांति मंत्रों का जाप और अभिषेक किया जाता है।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष जीवन को बिखरे शंख की तरह कमजोर करता है, लेकिन उज्जैन की कालसर्प दोष पूजा और सरल उपाय इसे पुनर्जनन देते हैं। यह दोष कोई अभिशाप नहीं, बल्कि कर्म सुधार का अवसर है।
कालसर्प पूजा की प्रक्रिया
- शुद्धिकरण स्नान: सुबह क्षिप्रा नदी में स्नान, सफेद वस्त्र धारण।
- कुंडली विश्लेषण: पंडित द्वारा दोष की गंभीरता जांच।
- मुख्य अनुष्ठान: राहु-केतु यंत्र स्थापना, हवन, 1,25,000 म Union
- समापन: दान (चांदी, तिल) और प्रसाद वितरण। पूरी प्रक्रिया 4-6 घंटे लेती है।
शुभ स्थान और मुहूर्त
- स्थान: राम घाट, सिद्धवट या महाकाल मंदिर के पास।
- मुहूर्त: नाग पंचमी, श्राद्ध पक्ष या सोमवार/शनिवार। कुंभ मेला के दौरान विशेष प्रभाव।
- पंडित संपर्क: पंडित अनिल जोशी या पंडित रमेश व्यास (संपर्क: 9424002309)।
2. मंत्र जाप और अभिषेक
प्रतिदिन “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ राहवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। सोमवार को शिवलिंग पर कच्चे दूध, शहद और काले तिल से अभिषेक करना भी लाभकारी माना गया है।
3. नागदेवता की पूजा करें
नाग पंचमी के दिन नागदेवता की पूजा करें और मंदिर में चांदी के नाग-नागिन की प्रतिमा अर्पित करें। यह दोष के प्रभाव को कम करता है।
4. दान और सेवा
शनिवार और अमावस्या के दिन तिल, काले वस्त्र और भोजन का दान करें। इससे राहु का प्रभाव शांत होता है और जीवन में स्थिरता आती है।
5. कुंडली अनुसार उपाय
किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर व्यक्तिगत स्तर पर यंत्र स्थापना या रत्न धारण का सुझाव लें। इससे दोष का प्रभाव जल्दी कम होता है।
शंखचूर्ण कालसर्प पूजा क्यों जरूरी है? आध्यात्मिक और व्यावहारिक लाभ
शंखचूर्ण कालसर्प पूजा इस दोष को शांत करने का सबसे प्रभावी तरीका है। इसके लाभ और आवश्यकता:
- भाग्य का जागरण: राहु-केतु के दुष्प्रभाव को कम कर भाग्य को पुनर्जनन देता है, जैसे टूटा शंख फिर से गूंजता है।
- कर्म सुधार: पिछले जन्म के पापों का प्रायश्चित, जो साहस और संचार को मजबूत करता है।
- मानसिक शक्ति: भय, चिंता और भ्रम से मुक्ति, आत्मविश्वास में वृद्धि।
- सामाजिक और पारिवारिक सुख: भाई-बहनों और समाज के साथ संबंध सुधरते हैं।
- आध्यात्मिक उन्नति: शिव और नाग पूजा से आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है, जो दीर्घकालिक शांति देती है।
शंखचूर्ण कालसर्प दोष निवारण पूजा के लाभ (Benefits of Shankhchurna Kaal Sarp Dosh Puja)
- जीवन की रुकावटें दूर होती हैं और सफलता के मार्ग खुलते हैं।
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- शत्रु बाधाएँ समाप्त होकर कानूनी मामलों में जीत प्राप्त होती है।
- धन, करियर और वैवाहिक जीवन में स्थिरता आती है।
- आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है और व्यक्ति का मन भक्ति की ओर अग्रसर होता है।
उज्जैन में शंखचूर्ण कालसर्प दोष पूजा का खर्च (Cost of Puja in Ujjain)
उज्जैन में यह पूजा अनुभवी पंडितों द्वारा विधि-विधान से कराई जाती है। पूजा का खर्च ₹2,100 से ₹5,000 तक होता है, जो मंत्रजाप की संख्या, पंडितों की संख्या, और यज्ञ की विस्तृतता पर निर्भर करता है। यदि कोई व्यक्ति विशेष अनुष्ठान या विस्तृत हवन करवाना चाहता है, तो खर्च थोड़ा अधिक हो सकता है। यह पूजा खर्च अनुमानित है सटीक जानकारी के लिए अभी कॉल करें।
उज्जैन में कालसर्प पूजा की बुकिंग कैसे करें?
शंखचूर्ण कालसर्प दोष कोई अभिशाप नहीं, बल्कि कर्म सुधार का अवसर है। आज ही उज्जैन के अनुभवी ज्योतिषी से संपर्क करें, पूजा बुक करें और अपने भाग्य को नया जीवन दें। नेचे दिये गए नंबर पर कॉल करे और पूजा की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।