कुलिक कालसर्प दोष क्या है? कालसर्प दोष पूजा की पूरी जानकारी
हिंदू ज्योतिष में कालसर्प दोष के 12 प्रकारों में कुलिक इसका दूसरा रूप है, जो राहु-केतु की विशेष स्थिति से बनता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह दोष पिछले जन्मों के कर्मों से जुड़ा है, लेकिन आधुनिक ज्योतिष में इसे मानसिक तनाव और आर्थिक असंतुलन का संकेत माना जाता है। उचित स्थान पर सही विधि से अनुभवी पंडित की उपस्थिति में की गई पूजा और उपायो से इस दोष के प्रभाव को शांत किया जा सकता है।
कुलिक कालसर्प दोष जीवन में कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकता है इसलिए इस दोष को अनदेखा न करे और आज ही उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा सम्पन्न कराएँ। यह पूजा दोष को शांत करती है और आपके रुके हुए और बिगड़े कामो सही दिशा में ले जाती है। उज्जैन इस पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान माना गया है, यहाँ पूजा करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कुलिक कालसर्प की परिभाषा और महत्व क्या है? ये दोष कैसे बनता है कुंडली में
कुलिक कालसर्प दोष कालसर्प योग का एक प्रकार है, जहां कुंडली में राहु दूसरे भाव (धन और वाणी का स्थान) में और केतु आठवें भाव (आयु और रहस्यों का स्थान) में स्थित होता है। सभी अन्य ग्रह (सूर्य, चंद्र, मंगल आदि) इन दोनों के बीच फंस जाते हैं, जैसे सर्प के मुंह में फंसे हुए। कुलिक शब्द संस्कृत में कुत्ता या सर्प का रूप को दर्शाता है, जो इस दोष के कारण उत्पन्न होने वाली अस्थिरता और संघर्ष को बढ़ावा देता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह दोष पिछले जन्मों के कर्मों से जुड़ा है, लेकिन आधुनिक ज्योतिष में इसे मानसिक तनाव और आर्थिक असंतुलन का संकेत माना जाता है।
कुलिक कालसर्प दोष कैसे बनता है? कुंडली में पहचान
कुंडली में कुलिक कालसर्प दोष की पहचान निम्नलिखित से होती है:
- राहु की स्थिति: दूसरे भाव में (धन, परिवार, वाणी)।
- केतु की स्थिति: आठवें भाव में (मृत्यु, विरासत, गुप्त रोग)।
- अन्य ग्रह: सभी सात ग्रह राहु से केतु की दिशा में एक ही ओर स्थित, बिना किसी के बाहर।
कुलिक कालसर्प दोष के कारण क्या है?
कालसर्प दोष बनने के मुख्य कारण निम्नलिखित है:-
- ज्योतिषीय: ग्रहों की असंतुलित स्थिति, विशेषकर राहु-केतु का प्रभाव।
- कर्म आधारित: पिछले जन्म में सर्प को हानि पहुंचाना, पूर्वजों की आत्मा की नाराजगी या नाग देवता का अपमान।
- आधुनिक दृष्टि: पर्यावरणीय असंतुलन या पारिवारिक विवाद जो ज्योतिषीय रूप से प्रतिबिंबित होते हैं। पुराणों में इसे “नाग पाप” से जोड़ा जाता है।
कुलिक कालसर्प दोष के लक्षण कौन-कौन से है?
कुलिक कालसर्प दोष के प्रमुख लक्षण कालसर्प के सामान्य लक्षणों से मिलते हैं, कालसर्प दोष के कुछ लक्षण निम्नलिखित है:-
- सर्प या पूर्वजों के सपने आना, गला घोंटने का अहसास होना।
- सर्प भय, बालों वाला भोजन या बुरे स्वप्न।
- रक्त संबंधी रोग (उच्च रक्तचाप), त्वचा रोग, सिरदर्द।
- नींद में परेशानी, अंधेरे से डर।
- पिता-पुत्र विवाद, जीवनसाथी से कलह।
कुलिक कालसर्प दोष के सरल और प्रभावी उपाय?
दोष निवारण के लिए 10 चुनिंदा उपाय, वैदिक और लाल किताब से प्रेरित:
- महामृत्युंजय मंत्र जाप: रोज 108 बार “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” जपें। स्वास्थ्य लाभ।
- पंचाक्षरी मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” का 1 लाख जाप। शिव पूजा से राहु-केतु शांत।
- पीपल पूजा: शनिवार को पानी चढ़ाएं, घी दीपक जलाएं।
- नाग पंचमी व्रत: दूध से नाग पूजा, चांदी का नाग जोड़ा दान।
- रुद्राभिषेक: सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक कराएं।
- माला जाप: राहु बीज मंत्र का 108 बार जाप करें।
- दान: काले तिल, सरसों तेल दान।
- रत्न: ज्योतिषी सलाह पर गोमेद (राहु) धारण।
कुलिक कालसर्प दोष पूजा उज्जैन: सबसे प्रभावी उपाय
कुलिक कालसर्प दोष चुनौती है, लेकिन उपायों से इसे पार किया जा सकता है। और सबसे शक्तिशाली उपाय है कुलिक कालसर्प दोष पूजा जो की मुख्यतः उज्जैन में की जाती है। यह वैदिक शांति पूजा है। इस पूजा से न केवल दोष का प्रभाव कम होता है बल्कि जीवन में सुख-शांति और समंजस्य भी आता है।
उज्जैन में कुलिक कालसर्प पूजा विधि (Procedure)
- संकल्प: गोदावरी स्नान, संकल्प।
- कलश पूजन: वरुण देव पूजा।
- गणेश पूजन: गणेश-गौरी पूजन से पूजा प्रारंभ करते है।
- नागमंडल: 12 नाग मूर्तियां (चांदी, सोना, तांबा) स्थापित, षोडशोपचार।
- मंत्र जाप: राहु-केतु, सर्प सूक्त, महामृत्युंजय (माला जाप)।
- हवन: विशेष मंत्रों से हवन सम्पन्न कराया जाता है।
- अभिषेक और विसर्जन: प्रतिमा पर अभिषेक किया जाता है, अंत में चाँदी के नाग-नागिन की प्रतिमा का नदी में विसर्जन किया जाता है।
- समापन: नए वस्त्र, तांबे की सर्प मूर्ति अर्पण करके किया जाता है।
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा की लागत क्या है?
उज्जैन में कालसर्प पूजा में आने वाला खर्च पूजा-विधि, स्थान, पंडित आदि पर निर्भर करता है। इस पूजा में आने वाला अनुमानित खर्च लगभग 2,100-5,000रुपये (सामग्री पर निर्भर) तक हो सकता है। पूजा खर्च और अन्य जानकारी के बारे में जानने के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से नीचे दिये नंबर पर संपर्क करें।
कुलिक कालसर्प पूजा के लाभ कौन-कौन से है?
- आर्थिक स्थिरता, स्वास्थ्य सुधार।
- वैवाहिक सुख, संतान लाभ।
- करियर उन्नति।
कुलिक कालसर्प दोष पूजा की बुकिंग उज्जैन में कैसे कराएं?
कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में कराना बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है। यहाँ पूजा करने से दोष का प्रभाव जल्दी शांत होता है। उज्जैन के अनुभवी पंडित कांता शर्मा जी पूरी विधि और लगन से पूजा सम्पन्न करते है यदि आप भी इस दोष से परेशान है और समस्याओं का सामना कर रहे है तो, उज्जैन में कालसर्प पूजा कराएं, अभी कॉल करें।