विषधर कालसर्प दोष पूजा

विषधर कालसर्प दोष के कारण, लक्षण और उपाय क्या है?

विषधर कालसर्प दोष जीवन की रफ्तार को रोकने वाला एक गहरा ग्रह योग है। ज्योतिष के 12 कालसर्प दोषों में से विषधर सबसे विषैला माना जाता है, जो जीवन को धीरे-धीरे जहर की तरह खोखला कर देता है। लेकिन घबराएं नहीं – विषधर कालसर्प दोष पूजा इस विष को शांत करने का रामबाण उपाय है।

उज्जैन में विषधर कालसर्प दोष पूजा कराने से जीवन मे फिर से संतुलन और सफलता की राह पर लौट आती है। भगवान महाकाल की कृपा से राहु-केतु के विषैले प्रभाव समाप्त हों और आपके जीवन में शांति, समृद्धि और स्थिरता लौट आए — यही इस पूजा का उद्देश्य है।

विषधर कालसर्प दोष: विषैले सर्प का ज्योतिषीय जाल

कालसर्प दोष वह स्थिति है जहां राहु-केतु के बीच सभी ग्रह कैद हो जाते हैं, जिससे जीवन सर्पिल संघर्ष बन जाता है। विषधर कालसर्प दोष 12 प्रकारों में से 11वां है, जो तब बनता है जब राहु एकादश भाव (लाभ, मित्र, इच्छापूर्ति) में और केतु पंचम भाव (संतान, बुद्धि, प्रेम) में स्थित होता है। बाकी ग्रह (सूर्य से शनि) इनके बीच (षष्ठ से दशम भाव) आ जाते हैं।

‘विषधर’ नाम विषैले सर्प से प्रेरित है, जो जहर घोलता है। विषधर नाग को शक्तिशाली लेकिन छलपूर्ण बताया गया है। यह दोष पिछले जन्म के कर्मों – जैसे संतान को नुकसान, मित्रों से विश्वासघात या सर्प से दुश्मनी का परिणाम है। ज्योतिषी इसे 28-48 वर्ष की आयु में सबसे खतरनाक मानते हैं, जब लाभ और संतान सुख की उम्मीदें चरम पर होती हैं।

विषधर कालसर्प दोष के कारण क्या है?

यह दोष संयोग नहीं, बल्कि गहरे कर्मफल का फल है। मुख्य कारण:

  • ग्रहों का विषैला संयोग: राहु का लाभ भाव में होना (इच्छाओं का शत्रु) और केतु का पंचम भाव में होना (बुद्धि और संतान का नाशक)।
  • ग्रह बंधन: सभी ग्रह राहु-केतु के घेरे में फंसकर जीवन को विषाक्त बनाते हैं।
  • पूर्वजन्म के पाप: संतान को कष्ट, प्रेम में धोखा या सर्प हत्या जैसे कर्म।
  • राशि संवेदनशीलता: कुम्भ, मिथुन या तुला राशि वाले अधिक प्रभावित, खासकर यदि बुध या गुरु नीच के हों।
  • दशा प्रभाव: राहु/केतु दशा में विष फैलता है।

विषधर कालसर्प दोष के लक्षण कौन-कौन से है कैसे पहचानें?

विषधर कालसर्प दोष के लक्षण कम लेकिन गंभीर होते हैं:

  • संतान संबंधी समस्याएं: गर्भपात, संतान प्राप्ति में देरी या बच्चों की बीमारी।
  • मानसिक भ्रम: निर्णय लेने में कठिनाई, अवसाद या प्रेम में असफलता।
  • स्वास्थ्य पर विष: पेट रोग, त्वचा विकार या अज्ञात बीमारियां।
  • आर्थिक विष: लाभ के अवसर छूटना, मित्रों से धोखा या निवेश हानि।
  • सपनों में विषधर: विषैला सर्प, जहर या अंधेरी गुफा के सपने।
  • सामाजिक अलगाव: मित्रों से दूरी, विश्वास की कमी।
  • शिक्षा में बाधा: पढ़ाई में रुकावट या बुद्धि का भटकाव।

विषधर कालसर्प दोष से होने वाले नुकसान कौन से है?

यह दोष सिर्फ मानसिक नहीं बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से भी प्रभावित करता है।

  • व्यक्ति को निर्णय लेने में कठिनाई होती है।
  • धन की हानि या निवेश में घाटा होता है।
  • संतान के भविष्य को लेकर चिंताएँ बढ़ती हैं।
  • रिश्ते टूटते हैं या गलतफहमियाँ बढ़ती हैं।
  • आत्मविश्वास और मनोबल कमजोर हो जाता है।

विषधर कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय कौन-कौन से है?

इस दोष से राहत पाने के लिए भगवान शिव की आराधना सर्वोत्तम मानी जाती है। क्योंकि भगवान शिव ही ऐसे देवता हैं जो सर्पों के स्वामी हैं और ग्रह दोषों को शांत कर सकते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र का जाप

“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्” का 108 बार जाप रोज़ करने से मानसिक शांति मिलती है।

नाग देवता की पूजा

नाग पंचमी पर नाग देवता को दूध और पुष्प अर्पित करने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है।

शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाना

हर सोमवार शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने से राहु-केतु की नकारात्मकता घटती है।

दान और सेवा

काले तिल, तांबे का दान और गरीबों को भोजन कराना भी इस दोष को शांत करने में सहायक होता है।

उज्जैन में विषधर कालसर्प पूजा: सबसे शक्तिशाली उपाय

उज्जैन की क्षिप्रा तट पर राम घाट विषधर पूजा का केंद्र है। यह सबसे प्रभावशाली उपाय है। पूजा में राहु-केतु शांति, महामृत्युंजय जाप, हवन, और शिव अभिषेक किया जाता है। यह दोष के विष को शांत कर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।

विषधर कालसर्प दोष पूजा की विधि क्या है?

पूजा विधिवत की जाती है और इसमें निम्न चरण शामिल होते हैं:

  1. संकल्प और आचमन – पंडित जी भक्त का नाम लेकर पूजा का संकल्प करते हैं।
  2. गणेश पूजन – सभी विघ्नों को दूर करने के लिए गणपति का आवाहन किया जाता है।
  3. राहु-केतु शांति पाठ – विशेष मंत्रों से ग्रहों का संतुलन किया जाता है।
  4. हवन और अर्घ्यदान – अग्नि देव को आहुति दी जाती है ताकि दोष नष्ट हो जाए।
  5. महामृत्युंजय अभिषेक – भगवान शिव पर जल और दूध चढ़ाकर पूजा का समापन किया जाता है।

पूरी पूजा में लगभग 2 से 3 घंटे लगते हैं।

उज्जैन में विषधर कालसर्प दोष पूजा की लागत कितनी है?

उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा की कीमत सामान्यतः ₹2,100 से ₹5,000 तक हो सकती है। यह खर्च पूजा की विधि, पंडितों की संख्या, और विशेष अनुष्ठानों के आधार पर तय की जाती है। ये खर्च अनुमानित है पंडित जी के अनुसार यह कम ज्यादा हो सकता है। पूजा की सटीक जानकारी के लिए आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित कांता शर्मा जी से संपर्क करें।

पूजा मुहूर्त

  • बुध/शनि, नाग पंचमी।

विषधर कालसर्प दोष पूजा के लाभ कौन-कौन से है?

इस पूजा के बाद व्यक्ति के जीवन में धीरे-धीरे सकारात्मक परिवर्तन आने लगते हैं।

  • मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • संतान संबंधी परेशानियाँ दूर होती हैं।
  • शिक्षा, करियर और व्यापार में स्थिरता आती है।
  • रिश्तों में सौहार्द और प्रेम बढ़ता है।
  • धन लाभ और नए अवसर प्राप्त होते हैं।
  • आध्यात्मिक प्रगति और संतुलन में वृद्धि होती है।

उज्जैन में विषधर कालसर्प दोष पूजा की बुकिंग कैसे करें?

अगर आपकी कुंडली में विषधर कालसर्प दोष पाया गया है, तो उज्जैन में अनुभवी पंडित जी से पूजा कराये। बुकिंग के लिए अपना नाम, गोत्र और जन्म तिथि देना अनिवार्य है। पंडित जी आपकी कुंडली देखकर शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि और मुहूर्त निर्धारित करते हैं, पूजा बुकिंग के लिए अभी कॉल करें।

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