उच्च मंगल दोष क्या है? जाने कारण, लक्षण और उपाय
जब मंगल ग्रह शुभ स्थान पर होता है, तो व्यक्ति में साहस, आत्मविश्वास और सफलता बढ़ती है। लेकिन जब यही मंगल ग्रह अत्यधिक प्रभावी या अशांत स्थिति में होता है, तो वह उच्च मंगल दोष (Uchch Mangal Dosh) कहलाता है। यह दोष सामान्य मंगल दोष से अधिक प्रभावी माना जाता है क्योंकि इसमें मंगल का प्रभाव तीव्र और असंतुलित होता है। व्यक्ति के स्वभाव, विवाह, करियर और पारिवारिक जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।
उच्च मंगल दोष एक शक्तिशाली स्थिति है, जो मंगल शांति पूजा, हनुमान आराधना, और जीवनशैली बदलाव से नियंत्रित हो सकती है। उज्जैन में मंगल दोष पूजा सबसे प्रभावी और लाभकारी उपाय है। उज्जैन एकमात्र ऐसा स्थान है जहां मंगल दोष के नकारात्मक प्रभावों को पूरी तरह शांत किया जा सकता है। तो अप भी उज्जैन में पूजा कराएं और अपनी समस्याओ का समाधान पाएँ।
उच्च मंगल दोष क्या होता है और यह दोष कैसे बनता है?
जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह अपनी उच्च राशि (मकर राशि) में स्थित होकर भी अशुभ ग्रहों जैसे राहु, केतु या शनि से पीड़ित होता है, तब उच्च मंगल दोष का निर्माण होता है। यह स्थिति तब भी बनती है जब मंगल का दृष्टि योग 7वें या 8वें भाव पर पड़ता है, यानी विवाह और जीवनसाथी से जुड़ी जगहों पर।
इस अवस्था में मंगल ग्रह अपनी शक्ति का गलत उपयोग कराता है। व्यक्ति अत्यधिक आक्रामक, जिद्दी और असंतुलित स्वभाव का हो सकता है।
उच्च मंगल दोष के कारण क्या होते है?
उच्च मंगल दोष बनने के कई ज्योतिषीय कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- जब मंगल मकर राशि में होकर भी राहु या शनि से दृष्ट या युति करता है।
- मंगल का 7वें, 8वें या 12वें भाव में होना।
- मंगल की स्थिति कुंडली के लग्न या चंद्रमा के विपरीत भाव में होना।
- मंगल का शुभ ग्रहों (गुरु, शुक्र) से असंतुलित संबंध।
- पिछले जन्म के कर्म और ग्रहों की दशा का प्रभाव।
उच्च मंगल दोष के लक्षण कौन-कौन से है?
यदि आपकी कुंडली में उच्च मंगल दोष है, तो ये संकेत देखे जा सकते हैं:
- विवाह में लगातार रुकावटें आना।
- रिश्तों में झगड़े और अस्थिरता।
- अत्यधिक क्रोध और अधीरता।
- जीवन में अचानक नुकसान या निर्णय में जल्दबाजी।
- रक्तचाप, दुर्घटना या सिरदर्द जैसी शारीरिक समस्याएँ।
- आत्मविश्वास अधिक लेकिन नियंत्रण की कमी।
उच्च मंगल दोष के नकारात्मक प्रभाव कौन-कौन से है?
- विवाहिक जीवन में तनाव: पति-पत्नी के बीच गलतफहमियाँ और झगड़े बढ़ जाते हैं।
- व्यवसाय में उतार-चढ़ाव: मंगल की तीव्रता निर्णय क्षमता को प्रभावित करती है।
- मानसिक बेचैनी: व्यक्ति हर समय बेचैन या उत्तेजित महसूस करता है।
- स्वास्थ्य संबंधी परेशानी: रक्तचाप, दुर्घटना या सिर की चोट की संभावना बढ़ती है।
- सामाजिक संबंधों में दूरी: गुस्से और असंतुलन के कारण व्यक्ति लोगों से कट सकता है।
उच्च मंगल दोष से मुक्ति के असरदार उपाय कौन-कौन से है?
उच्च मंगल दोष का निवारण केवल रत्न धारण या मंत्र जाप से संभव नहीं है। इसके लिए धार्मिक रूप से ग्रह शांति आवश्यक होती है।
यहाँ कुछ प्रमुख उपाय बताए गए हैं:
1. मंगल दोष निवारण पूजा: सबसे असरदार और प्रभावी उपाय
उच्च मंगल दोष एक गंभीर ज्योतिषीय स्थिति है जो व्यक्ति के जीवन में असंतुलन ला सकती है। लेकिन सही समय पर की गई पूजा, व्रत, मंत्र जाप और दान से इसका प्रभाव पूरी तरह शांत किया जा सकता है। उच्च मंगल दोष के लिए सबसे प्रभावी उपाय मंगल दोष निवारण पूजा है।
यह पूजा विशेष रूप से उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में कराई जाती है — जो भगवान मंगल की जन्मस्थली मानी जाती है। इस पूजा के दौरान पंडित जी मंगल ग्रह मंत्रों का जाप करते हैं:
“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”
यह मंत्र मंगल के अशुभ प्रभावों को शांत करता है। इस पूजा में क्षिप्रा नदी में स्नान, मंगल मंत्र (“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”) का 21,000 बार जाप, लाल चंदन से हवन (108-1,100 आहुतियां), और भात पूजा आदि शामिल है।
2. मंगल शांति हवन
मंगल ग्रह अग्नि तत्व से जुड़ा हुआ है। इसलिए मंगल दोष शांति के लिए अग्निहोत्र और हवन किया जाता है।
इससे व्यक्ति के क्रोध, आवेग और असंतुलन पर नियंत्रण होता है।
3. मंगलवार का व्रत और हनुमान जी की पूजा
- मंगलवार को व्रत रखें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- हनुमान जी मंगल ग्रह के नियंत्रक देवता माने जाते हैं।
- इससे मंगल दोष के दुष्प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगते हैं।
4. मूंगा रत्न धारण करें
मंगल ग्रह का रत्न लाल मूंगा (Red Coral) है। इसे तांबे की अंगूठी में बनवाकर मंगलवार के दिन धारण करें। रत्न धारण करने से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।
5. दान और सेवा
मंगलवार को लाल वस्त्र, मसूर दाल, तांबा, गुड़ और मूंगा जैसी चीजें दान करें। दान करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
उज्जैन में उच्च मंगल दोष पूजा का विशेष महत्व क्यो है?
उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर भारत का एकमात्र मंदिर है जहाँ मंगल ग्रह की विशेष पूजा होती है। यहाँ किए गए पूजा और हवन से मंगल के तीव्र प्रभाव को शांत किया जा सकता है। अनुभवी पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार और विधि-विधान से की गई पूजा से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता, विवाह में सफलता और मानसिक शांति आती है।
यदि आप मंगल दोष पूजा करवाने का मन बना रहे है तो आज ही उज्जैन को अपनी पूजा के लिए चुने। यहाँ की गई पूजा विशेष फलदायी होती है जो दोष के प्रभाव को शांत करती है।
उज्जैन में उच्च मंगल दोष पूजा में कितना खर्च आता है?
उज्जैन में यह पूजा समान्यता ₹2,100 से ₹5,100 के बीच होती है। यदि विशेष मंत्र जाप और हवन कराया जाए, तो खर्च ₹5,000 से अधिक हो सकता है। यह पूजा खर्च अनुमानित है जो की पंडित जी, सामग्री और विधि पर निर्भर करता है। पूजा खर्च की सटीक जानकारी के लिये नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें।
उज्जैन में मंगल दोष पूजा की बुकिंग कैसे होती है?
यदि आपकी कुंडली में उच्च मंगल दोष है, तो इसे नजरअंदाज न करें। इस दोष के निवारण के लिए उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में पूजा करवाना सबसे प्रभावी और प्रमाणिक उपाय माना गया है। तो आज ही पंडित जी से संपर्क करें और पूजा की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।