मंगल दोष पूजा कहाँ होती है?

मंगल दोष पूजा कहाँ होती है? जाने प्रसिद्ध मंदिर और स्थान

मंगल दोष पूजा, मंगल दोष को शांत करने का सबसे शक्तिशाली माध्यम है। भारत के पवित्र मंदिरों में यह पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। यदि आप “मंगल दोष पूजा कहाँ होती है”, “मंगल दोष निवारण प्रसिद्ध मंदिर या मंगल दोष पूजा स्थान के बारे में जानना चाहते है तो इस पूजा की पूरी जानकारी निम्नलिखित है:

मंगल दोष पूजा उज्जैन, नासिक, हरिद्वार, पुरी और मुंबई जैसे स्थलों में होती है, जहां हर मंदिर की अपनी ऊर्जा-शक्ति दोष को शांत करती है। सबसे प्रसिद्ध और प्रभावी स्थान है उज्जैन क्योंकि यह भगवान शिव की नगरी है और यहाँ पूजा कराने पर भगवान शिव की कृपा व आशीर्वाद से दोष का निवारण तीव्रता से होता है। इसलिए उज्जैन में मंगल दोष पूजा कराएं और इस दोष से छूटकारा पाएँ।

मंगल दोष पूजा क्यो होती है जरूरी और इसका क्या महत्व है?

मंगल दोष पूजा वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को शांत करने का प्रमुख उपाय है, जो तब बनता है जब मंगल कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में होता है। यह दोष विवाह में बाधा, दांपत्य कलह, स्वास्थ्य समस्याएं (जैसे गुस्सा या रक्त विकार), और आर्थिक हानि लाता है। इस पूजा में मंगल मंत्र जाप, हवन, और दान शामिल होते हैं, जो मंगल की आक्रामक ऊर्जा को सकारात्मक बनाते हैं।

मंगल दोष पूजा कहाँ होती है? पूजा के प्रमुख स्थानो की जानकारी

भारत में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं जहाँ मंगल ग्रह की विशेष पूजा और हवन किए जाते हैं। लेकिन सबसे प्रमुख और प्रभावशाली स्थल हैं — उज्जैन, त्र्यंबकेश्वर (नासिक), हरिद्वार और वाराणसी।
इन सभी स्थानों का उल्लेख प्राचीन पुराणों और ग्रंथों में मिलता है। यहाँ की गई पूजा व्यक्ति के जीवन से मंगल दोष को शांत करती है और जीवन में स्थिरता और सौभाग्य लाती है। इन स्थानो की विशेषताएँ निम्नलिखित है:-

उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर – मंगल दोष पूजा का सबसे प्रसिद्ध स्थल

उज्जैन का धार्मिक महत्व

उज्जैन (मध्य प्रदेश) को ज्योतिष और धर्म की नगरी कहा जाता है। यह वही स्थान है जहाँ से भारतीय पंचांग की गणना की जाती है। यहाँ स्थित मंगलनाथ मंदिर को मंगल ग्रह का जन्म स्थान माना गया है। इस मंदिर में की जाने वाली मंगल शांति पूजा और भात पूजा को वैदिक विधि से अनुभवी पंडित संपन्न करते हैं, जो दोष को शांत करती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनाए रखती है।

मंगलनाथ मंदिर में पूजा क्यों विशेष है?

  • यहाँ की गई मंगल दोष पूजा, मंगल शांति हवन और अभिषेक का प्रभाव अन्य स्थानों से कई गुना अधिक होता है।
  • पंडित वैदिक विधि से मंगल देवता का आवाहन कर व्यक्ति की कुंडली के अनुसार विशेष पूजा करते हैं।
  • यह पूजा मंगल के क्रोध को शांत कर व्यक्ति के विवाह, करियर और मानसिक स्थिति को संतुलित करती है।

पूजा विधि

मंगलनाथ मंदिर में की जाने वाली पूजा में शामिल होते हैं —

  • गणेश पूजन
  • नवग्रह पूजन
  • मंगल ग्रह का आवाहन
  • मंगल शांति हवन
  • मूंगा रत्न अर्पण और मंगल स्तोत्र पाठ

उज्जैन में मंगल दोष पूजा का खर्च कितना है?

मंगलनाथ मंदिर में मंगल दोष पूजा का खर्च लगभग ₹2,500 से ₹5,100 तक होता है। यदि आप विस्तृत मंगल शांति हवन या विशेष अनुष्ठान कराना चाहते हैं, तो यह खर्च ₹5,000 से अधिक भी हो सकता है। पूजा की अधिक और सटीक जानकारी के लिए उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करें।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर, नासिक – शक्तिशाली पूजा स्थल

त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र) को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। यहाँ की गई मंगल दोष शांति पूजा अत्यंत प्रभावशाली होती है। यहाँ के पंडित गण कुंडली देखकर विशेष अनुष्ठान जैसे “मंगल ग्रह शांति पूजन”, “रुद्राभिषेक” और “नवग्रह हवन” करते हैं।
यह पूजा विशेष रूप से विवाह में देरी, वैवाहिक अस्थिरता और स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के लिए की जाती है।

हरिद्वार का मंगलनाथ मंदिर: गंगा तट पर दोष निवारण

उत्तराखंड के हरिद्वार में मंगलनाथ मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है, जो मंगल दोष पूजा का शांतिपूर्ण केंद्र है। गंगा का पवित्र जल और हर की पैड़ी की ऊर्जा मंगल की अग्नि को शांत करती है। हरिद्वार में योग-मंगल पूजा सेशन शुरू होंगे, जो तनावग्रस्त भक्तों के लिए आदर्श हैं।

  • क्यों यहाँ?: गंगा स्नान दोष को बहा ले जाता है। पूजा कम खर्चीली और सुलभ है।
  • पूजा प्रक्रिया: गंगा स्नान, मंगल मंत्र जाप, हवन (1,100 आहुतियां), और ब्राह्मण दान। अवधि: 2-3 घंटे।
  • खर्च: 2,000-5,000 रुपये।
  • लाभ: मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ, और वैवाहिक सुख।

वाराणसी (काशी) – मंगल शांति और रुद्राभिषेक का पवित्र स्थान

वाराणसी को देवताओं की नगरी कहा गया है। यहाँ काशी विश्वनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक और मंगल ग्रह शांति पाठ करवाना अत्यंत शुभ माना गया है।

  • यहाँ की गई पूजा से व्यक्ति के मंगल दोष के साथ-साथ अन्य ग्रहों की अशुभ स्थिति भी शांत होती है।
  • काशी के पंडित वेदों के मंत्रों के साथ रुद्राभिषेक और नवग्रह हवन करते हैं, जिससे ग्रहों की ऊर्जा संतुलित होती है।

मंगल दोष पूजा का सही मुहूर्त

  • मंगल दोष पूजा के लिए मंगलवार का दिन सबसे शुभ माना गया है।
  • इसके अलावा, जब मंगल मेष, वृश्चिक या मकर राशि में उच्च स्थिति में होता है, तब यह पूजा अधिक फलदायी होती है।
  • योग्य पंडित की सलाह से शुभ मुहूर्त में की गई पूजा जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती है।

मंगल दोष पूजा के लाभ कौन-कौन से है?

  1. विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।
  2. पति-पत्नी के बीच प्रेम और समझ बढ़ती है।
  3. मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  4. व्यापार और करियर में सफलता मिलती है।
  5. मंगल ग्रह से जुड़ी बीमारियाँ (ब्लड प्रेशर, गुस्सा, तनाव) कम होती हैं।

उज्जैन में मंगल दोष निवारण पूजा बुकिंग कैसे करें?

यदि आप मंगल दोष से पीड़ित हैं, तो सबसे प्रभावशाली उपाय है कि आप उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में वैदिक विधि से अनुभवी पंडित की देख-रेख में मंगल दोष पूजा करवाएँ। सही स्थान पर की गई पूजा आपके जीवन से नकारात्मकता दूर करती है और मंगल ग्रह को शुभ बनाती है।

तो आज ही अपनी पूजा उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर या अंगारेश्वर मंदिर में बुक करने के लिए नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें।

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