मंगल दोष पूजा कब करनी चाहिए?

मंगल दोष पूजा कब करनी चाहिए? जाने शुभ मुहूर्त और तिथियां

मंगल दोष पूजा वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को शांत करने का एक शक्तिशाली अनुष्ठान है। सही मुहूर्त में यह पूजा करने से मंगल की उग्र ऊर्जा संतुलित होती है, और दोष का प्रभाव कम हो सकता है। शास्त्रों के अनुसार, मंगलवार, नवरात्रि, और अंगारक चतुर्थी जैसे शुभ दिन मंगल दोष पूजा के लिए आदर्श हैं, क्योंकि इन दिनों मंगल की ऊर्जा विशेष रूप से सक्रिय होती है।

मंगल दोष पूजा किसी भी मंगलवार को की जा सकती है, लेकिन अगर इसे सही मुहूर्त, अनुभवी पंडित और पवित्र स्थान (जैसे उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर) पर किया जाए, तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। कुंडली के अनुसार शुभ तिथि और पूजा विधि का निर्धारण कराएं और उज्जैन में मंगल दोष पूजा सम्पन्न कराएं।

मंगल दोष पूजा कब होती है? पूजा के लिए शुभ दिन और तिथियां कौन-सी है?

मंगल दोष पूजा का समय वैदिक पंचांग, ग्रह गोचर, और कुंडली के आधार पर निर्धारित होता है। यहाँ प्रमुख शुभ दिन और तिथियां हैं:

मंगल दोष पूजा

मंगलवार (Mangalvar):

मंगल ग्रह का दिन होने के कारण मंगल दोष पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है। प्रत्येक मंगलवार को हनुमान मंदिर में पूजा की जा सकती है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सप्तम भाव (विवाह भाव) में मंगल है, तो मंगलवार को मंगलनाथ मंदिर में पूजा कराना उसके वैवाहिक जीवन के लिए अत्यंत शुभ होता है।

जब मंगल अशुभ स्थिति में हो:

यदि आपकी कुंडली में मंगल दुर्बल, नीच राशि में, या अशुभ ग्रहों (राहु, केतु, शनि) के साथ स्थित है, तो यह समय मंगल दोष को बढ़ाता है। ऐसी स्थिति में तुरंत मंगल शांति पूजा कराना आवश्यक होता है। विशेष रूप से जब मंगल कर्क राशि (नीच) या सातवें भाव में होता है, तब यह वैवाहिक जीवन में गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

विवाह से पहले मंगल दोष पूजा

जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष है, उन्हें विवाह से पहले यह पूजा जरूर करनी चाहिए। क्योंकि विवाह के बाद यह दोष पति-पत्नी के बीच मतभेद, तनाव और स्वास्थ्य समस्याएँ ला सकता है। इसलिए विवाह के शुभ मुहूर्त से पहले मंगल दोष निवारण पूजा या मंगल शांति हवन कराना आवश्यक होता है।

जब जीवन में लगातार रुकावटें आने लगें

मंगल ग्रह क्रिया और ऊर्जा का ग्रह है। जब यह ग्रह अशुभ होता है तो व्यक्ति को बार-बार असफलता, गुस्सा, या पारिवारिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
यदि आप देख रहे हैं कि आर्थिक स्थिरता नहीं बन रही, विवाह तय होकर टूट रहा है, रिश्तों में तनाव बढ़ रहा है तो यह मंगल दोष का संकेत हो सकता है। ऐसे समय में तुरंत मंगल शांति पूजा करवानी चाहिए।

विशेष योगों में पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है

मंगल दोष पूजा निम्न विशेष योगों में करने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है:

  • अमावस्या या पूर्णिमा तिथि
  • मंगल की उच्च स्थिति (मकर राशि)
  • मेष, वृश्चिक या सिंह लग्न
  • गुरु-पुष्य या रवि-पुष्य नक्षत्र योग
    इन दिनों में की गई पूजा मंगल ग्रह को शीघ्र शांत कर देती है और शुभ फल प्रदान करती है।

नवरात्रि (Navratri): विशेष रूप से शरद नवरात्रि में मंगल दोष पूजा मां दुर्गा की कृपा से प्रभावी होती है।

हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti): 3 अप्रैल 2025 को हनुमान जी की पूजा मंगल दोष को शांत करती है।

मंगल दोष पूजा के लिए सही मुहूर्त क्या है?

मंगल दोष पूजा के लिए दिन के अलावा सही मुहूर्त भी महत्वपूर्ण है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, निम्नलिखित समय सर्वश्रेष्ठ हैं:

  • सुबह का समय (Brahma Muhurta): सुबह 4:30 AM से 6:00 AM, जब ऊर्जा शुद्ध होती है।
  • अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:30 AM से 12:30 PM। यह मध्य प्रदेश जैसे क्षेत्रों में लोकप्रिय है।
  • संध्या समय: शाम 6:00 PM से 7:30 PM, विशेष रूप से मंगलवार को।
  • 2025 विशेष मुहूर्त:
  • अंगारक जयंती: सुबह 5:30 AM से 7:00 AM या शाम 6:00 PM से 8:00 PM।
  • नवरात्रि: सुबह 6:00 AM से 8:00 AM।
  • हनुमान जयंती: सुबह 7:00 AM से 9:00 AM।

मंगल दोष पूजा की प्रक्रिया और स्थान

मंगल दोष पूजा को प्रभावी बनाने के लिए स्थान और समय का संयोजन महत्वपूर्ण है। मध्य प्रदेश में प्रमुख स्थान:

  1. उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर: मंगल ग्रह का जन्मस्थान। यहाँ होने वाली पूजा के अंतर्गत मंगल मंत्र जाप (21,000 बार), हवन, और भात पूजा आदि शामिल है। इस पूजा में आने वाला खर्च: 2,500-5,100 रुपये तक हो सकता है। पूजा का शुभ समय: मंगलवार या अंगारक चतुर्थी है। पूजा के बारे में ओर अधिक व सही जानकारी प्राप्त करने के लिए आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करें।
  2. हनुमान मंदिर (मध्य प्रदेश): इंदौर के सज्जनगढ़ हनुमान मंदिर में मंगल दोष पूजा लोकप्रिय है। पूजा: हनुमान चालीसा पाठ और गुड़ चढ़ावा। खर्च: 2,000-5,000 रुपये।

प्रक्रिया:

  • स्नान करें, लाल वस्त्र पहनें।
  • मंगल मंत्र (“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”) का जाप करें।
  • हवन में लाल चंदन और घी की आहुति दें।
  • लाल मसूर, तांबा या गुड़ दान करें।

मंगल दोष पूजा बुकिंग उज्जैन में कैसे कराएं?

यदि आप भी मंगल दोष से पीड़ित है और इस दोष से छुटकारा चाहते है तो उज्जैन के अनुभवी पंडित कांता शर्मा जी से संपर्क करें और अपनी पूजा बुकिंग की जानकारी प्राप्त करें। पंडित जी के पास दूर-दूर से लोग दोष निवारण के लिए आते है। अधिक जानकारी और पूजा बुकिंग के लिए कॉल करें:

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