मंगल दोष की काट के उपाय क्या है

जाने मंगल दोष की काट के उपाय कौन-कौन से है?

भारतीय ज्योतिष के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ भाव में होता है विशेषकर 1st, 2nd, 4th, 7th, 8th या 12th भाव में। तब मंगल दोष (Manglik Dosh) बनता है। यह दोष व्यक्ति के विवाह, वैवाहिक जीवन, गुस्से, स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर गहरा असर डालता है। लेकिन यह दोष अमर नहीं है। वैदिक उपायों, पूजा-पाठ और मंगल ग्रह शांति पूजा द्वारा इसकी काट संभव है।

मंगल दोष की काट केवल पूजा या एक उपाय से नहीं होती, बल्कि यह व्यक्ति के कर्म, श्रद्धा और ग्रह स्थिति पर निर्भर करती है। यदि सही स्थान पर, उचित विधि से, अनुभवी पंडित की देख-रेख में पूजा कराई जाए तो इसका प्रभाव जीवनभर सकारात्मक रहता है। उज्जैन में मंगल दोष निवारण पूजा करवाना सबसे प्रभावी उपायों में से एक है।

मंगल दोष क्या है? इसके प्रभाव क्या है?

वैदिक ज्योतिष में मंगल दोष तब बनता है जब मंगल ग्रह कुंडली के प्रथम (लग्न), चतुर्थ (सुख भाव), सप्तम (विवाह भाव), अष्टम (आयु भाव), या द्वादश (व्यय भाव) में होता है। मंगल ग्रह साहस, ऊर्जा और युद्ध का प्रतीक है, लेकिन इसकी अशुभ स्थिति जीवन में कई समस्याएं लाती है, जैसे:

  • वैवाहिक बाधाएं: विवाह में देरी (28-32 वर्ष तक), सगाई टूटना, या दांपत्य जीवन में तनाव।
  • स्वास्थ्य समस्याएं: रक्त संबंधी विकार (उच्च रक्तचाप, एनीमिया), दुर्घटना की प्रवृत्ति।
  • मानसिक अशांति: क्रोध, तनाव, और अहंकार।
  • करियर और आर्थिक हानि: नौकरी में अस्थिरता, व्यापार में नुकसान।

मंगल दोष की काट के उपाय कौन-कौन से है?

हनुमान जी की आराधना और व्रत

हनुमान जी को मंगल ग्रह का स्वामी माना जाता है, और उनकी पूजा मंगल दोष की काट में प्रभावी है। मध्य प्रदेश में इंदौर के सज्जनगढ़ हनुमान मंदिर में यह पूजा लोकप्रिय है।

  • प्रक्रिया:
    • मंगलवार को हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें। गुड़ और चने का भोग चढ़ाएं।
    • सरसों के तेल का दीपक जलाएं। 40-45 दिनों तक मांसाहार और मदिरा त्यागें।

मंगल ग्रह के बीज मंत्र का जाप

मंगल ग्रह का बीज मंत्र है:

“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।”

प्रत्येक मंगलवार या प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जाप करने से मंगल की उग्र ऊर्जा शांत होती है और व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास तथा सकारात्मकता बढ़ती है।

रुद्राभिषेक और हनुमान पूजा

मंगल ग्रह का संबंध भगवान शिव और हनुमान जी से है। इसलिए मंगल दोष की शांति के लिए प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें, रुद्राभिषेक करवाएँ, श्री मंगलाष्टक का पाठ करें। भगवान शिव की कृपा से मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव स्वतः कम होने लगते हैं।

रत्न धारण करना (Munga Stone)

अनुभवी ज्योतिष की सलाह से रत्न धारण करें। मंगल ग्रह से संबंधित रत्न मूंगा (Coral) है। यदि कुंडली में मंगल शुभ स्थिति में है लेकिन कमजोर है, तो मूंगा धारण करना लाभकारी होता है।

नियम:

  • मूंगा मंगलवार को शिव मंदिर में पूजा के बाद धारण करें।
  • यह रत्न चाँदी या तांबे की अंगूठी में दाएँ हाथ की अनामिका में पहनें।
  • रत्न धारण से पहले ज्योतिषी की सलाह जरूर लें, क्योंकि यह हर व्यक्ति के लिए उपयुक्त नहीं होता।

मंगल वार का व्रत रखना

मंगलवार के दिन व्रत रखने से मंगल दोष के दुष्प्रभाव काफी हद तक शांत हो जाते हैं। इस दिन हनुमान जी और मंगल देव की पूजा करें, लाल वस्त्र और मसूर दाल का दान करें।

कुंभ विवाह या वृक्ष विवाह

जिन लोगों की कुंडली में भयंकर मंगल दोष होता है, उनके लिए “कुंभ विवाह” या “वृक्ष विवाह (पीपल या केला वृक्ष)” करवाना जरूरी होता है। यह एक वैदिक उपाय है जिसमें व्यक्ति प्रतीकात्मक रूप से पहले किसी देवता या वृक्ष से विवाह करता है, जिससे मंगल दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

नवग्रह शांति हवन

कभी-कभी केवल मंगल ग्रह ही नहीं, अन्य ग्रह भी अशुभ प्रभाव डालते हैं। ऐसे में नवग्रह शांति हवन करवाना श्रेष्ठ माना गया है। यह पूजा सभी ग्रहों के दोषों को संतुलित करती है और जीवन में सुख-शांति लाती है।

मंगल दोष की काट का सबसे प्रभावी उपाय क्या है?

उज्जैन में मंगल दोष निवारण पूजा (Mangal Dosh Nivaran Puja)

मंगल शांति पूजा मंगल दोष की काट का सबसे प्रभावी उपाय है, जो उज्जैन (मध्य प्रदेश) के मंगलनाथ मंदिर में विशेष रूप से की जाती है, क्योंकि यह मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है। यह पूजा इस दोष की सबसे प्रभावी और पारंपरिक काट मानी जाती है। इस पूजा में मंगल ग्रह की शांति और कृपा प्राप्त करने के लिए मंगल मंत्रों, हवन और रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाता है।

प्रमुख स्थान:

  • उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर (मंगल ग्रह का जन्म स्थान)
  • त्र्यंबकेश्वर मंदिर (नासिक)
  • वाराणसी (काशी विश्वनाथ मंदिर)

पूजा विधि:

  • गणेश पूजन
  • नवग्रह पूजन
  • मंगल ग्रह का आवाहन
  • मूंगा रत्न अर्पण
  • मंगल शांति हवन
  • मंगल स्तोत्र और बीज मंत्र का जाप (१०,००० बार तक)

यह पूजा मंगल के दोष को शांत करती है, वैवाहिक जीवन में स्थिरता लाती है और गुस्से को कम करती है।

उज्जैन में मंगल दोष पूजा की बुकिंग कैसे कराएँ?

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