गुरु-राहु चंडाल योग और विवाह पर इस दोष का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह का विशेष महत्व होता है। गुरु-राहू चांडाल योग व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएँ पैदा करता है, विशेष रूप से विवाह और पारिवारिक जीवन में। यह योग कुंडली के किसी भी भाव में हो सकता है, लेकिन सप्तम भाव (विवाह भाव) में होने पर इसका प्रभाव सबसे गहरा पड़ता है। इसे पूर्व जन्म के कर्मों का फल माना जाता है।
गुरु चंडाल दोष निस्संदेह चुनौतीपूर्ण है, परंतु असंभव नहीं। सही उपाय और निरंतर प्रयास से इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है। इस दोष के प्रभाव को शांत करने के लिए आज ही उज्जैन में गुरु चांडाल दोष पूजा कराएं। यह पूजा दोष को शांत करती है और सभी समस्याओ को हटाती है।
गुरु राहु चांडाल योग क्या है? इस योग के बनने के कारण क्या है?
हिन्दू ज्योतिष में गुरु राहु चंडाल योग तब बनता है जब बृहस्पति (गुरु) और राहु ग्रह एक ही राशि या भाव में युति करते हैं। गुरु ज्ञान, नैतिकता, समृद्धि और धर्म का प्रतीक है, जबकि राहु भ्रम, छल और अपारंपरिकता का कारक। इस योग को ‘चंडाल’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह गुरु की शुद्ध ऊर्जा को राहु की अशुद्धता से दूषित कर देता है।
- जब गुरु और राहु एक ही भाव में स्थित हों, तब यह योग बनता है।
- यह योग व्यक्ति के निर्णयों को भ्रमित करता है और सही-गलत की पहचान करना कठिन बना देता है।
- यह योग प्रायः जीवन में रिश्तों और सामाजिक सम्मान पर नकारात्मक असर डालता है।
विवाह पर गुरु-राहु चांडाल योग का प्रभाव क्या होता है?
1. विवाह में देरी
गुरु विवाह और संतान का कारक ग्रह है। राहु के साथ योग बनने से विवाह में अनावश्यक विलंब हो सकता है। अच्छे रिश्ते बनते-बनते टूट सकते हैं। इस योग के प्रभाव के कारण विवाह मे कई अड़चनें आती है।
2. वैवाहिक जीवन में तनाव
इस योग से शादी के बाद पति-पत्नी के बीच गलतफहमियाँ और झगड़े बढ़ सकते हैं। आपसी सामंजस्य में कमी आती है। रिश्तो के बीच का प्रेम और अपनापन कम होने लगता है और दोनों के बीच अनबन चलती रहती है। यह दोष रिश्तों को अत्यधिक प्रभावित करता है।
3. परिवारिक कलह
गुरु राहु चांडाल योग से व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो सकता है। इसका असर घर-परिवार के रिश्तों पर भी पड़ता है। घर में प्रतिदिन लड़ाई-झगड़े और मन-मुटाव का माहौल बना रहता है। परिवार के अन्य सदस्यो के साथ भी व्यक्ति अभद्र और बुरा बर्ताव करता है।
4. विवाह में असफलता का डर
कभी-कभी यह योग तलाक या अलगाव तक की स्थिति पैदा कर देता है, यदि समय रहते इसका समाधान न किया जाए। यह दोष जीवन पर इतना घहरा प्रभाव डालता है जिससे रिश्ते टूटने तक की स्थिति बन जाती है। समय रहते इस दोष का निवारण अत्यंत आवश्यक है।
गुरु राहु चांडाल योग के चमत्कारी निवारण उपाय क्या है?
1. विशेष पूजा और अनुष्ठान
- गुरु चांडाल दोष निवारण पूजा
- राहु शांति पूजा
- रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप
गुरु चांडाल दोष पूजा उज्जैन
गुरु-राहू योग के दुष्प्रभावो को कम करने के लिए सबसे प्रभावी और सरल उपाय है गुरु चांडाल योग निवारण पूजा। यह पूजा इस दोष के प्रभाव को शांत करती है जिससे व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी समस्याएँ समाप्त हो जाती है। यह पूजा विशेष स्थान पर करना अधिक फलदायी मानी जाती है। उज्जैन में अनुभवी पंडितो की देख-रेख में यह पूजा करने से इसका फल शीघ्र ही प्राप्त होता है।
गुरु चांडाल दोष पूजा उज्जैन में कैसे होती है?
- संकल्प और पूजा की तैयारी – साधक का नाम, गोत्र और कुंडली देखकर संकल्प लिया जाता है।
- गणेश पूजन और कलश स्थापना – सभी पूजाओं की तरह प्रथम पूजन गणपति जी का होता है।
- गुरु ग्रह का विशेष जाप – “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का उच्चारण और गुरु ग्रह की शांति की जाती है।
- राहु-केतु शांति हवन – राहु-केतु से संबंधित वैदिक मंत्रों के साथ हवन कराया जाता है।
- रुद्राभिषेक और हवन – भगवान महाकाल को जल, दूध, शहद और पंचामृत से अभिषेक किया जाता है।
- पूर्णाहुति और प्रसाद वितरण – पूजा का समापन पूर्णाहुति और भक्तों को प्रसाद देकर किया जाता है।
ये सभी पूजाएँ विशेष रूप से उज्जैन और त्र्यंबकेश्वर जैसे धार्मिक स्थानों पर कराना अत्यंत शुभ माना जाता है।
2. मंत्र जाप
- “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” – गुरु ग्रह के लिए
- “ॐ राहवे नमः” – राहु ग्रह के लिए
इन मंत्रों का नियमित जाप विवाह संबंधी समस्याओं को कम करता है।
3. दान और उपाय
- पीले वस्त्र, चना दाल और हल्दी का दान करें।
- राहु की शांति के लिए नीले कपड़े और तिल का दान करें।
- गुरुवार को व्रत रखें और वृहस्पति देव की पूजा करें।
4. व्यवहार में सुधार
- गुरु राहु चांडाल योग व्यक्ति को गलत निर्णयों की ओर धकेलता है।
- ऐसे में अच्छे संस्कार, धैर्य और सत्यनिष्ठा का पालन करना आवश्यक है।
उज्जैन में गुरु-राहू चांडाल योग निवारण पूजा बुकिंग कैसे करें?
यदि आप गुरु चांडाल दोष पूजा कराने की सोच रहे हैं, तो सही स्थान और अनुभवी पंडित का चयन करना ही सबसे महत्वपूर्ण कदम है। आज ही अपनी पूजा उज्जैन के श्रेष्ठ और अनुभवी पंडित कांता शर्मा जी के पास बुक करें। नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और पूजा की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।