अर्क विवाह कब करना चाहिए? उज्जैन के मंगलनाथ और अंगरेश्वर मंदिर में पूजा की पूरी जानकारी
विवाह जीवन का वह पवित्र बंधन है जो दो आत्माओं को सात जन्मों के लिए जोड़ता है। लेकिन ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, कुंडली में मंगल दोष या मांगलिक दोष होने पर वैवाहिक जीवन में बाधाएं आ सकती हैं। ऐसी स्थिति में अर्क विवाह एक प्राचीन और प्रभावी उपाय साबित होता है। खासकर पुरुषों के लिए यह दोष निवारण का विशेष अनुष्ठान है। यदि आप सोच रहे हैं कि अर्क विवाह कब करना चाहिए, तो यह ब्लॉग आपके सभी सवालों का जवाब देगा। हम यहां उज्जैन के प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर और अंगरेश्वर मंदिर में कराई जाने वाली पूजा पर विस्तार से चर्चा करेंगे, साथ ही बुकिंग की प्रक्रिया भी बताएंगे।
उज्जैन को ज्योतिष की नगरी कहा जाता है, जहां ग्रह-नक्षत्रों की शक्ति सबसे प्रबल मानी जाती है। यहां की पूजाएं न केवल दोषों को दूर करती हैं, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी लाती हैं। तो चलिए, जानते हैं अर्क विवाह क्या है, कब और कैसे करें।
अर्क विवाह क्या है? एक प्रतीकात्मक अनुष्ठान
अर्क विवाह हिंदू धर्म का एक वैदिक अनुष्ठान है, जिसमें मांगलिक पुरुष का प्रतीकात्मक विवाह अर्क वृक्ष (मदार या आक के पेड़) से कराया जाता है। अर्क वृक्ष को सूर्य देव की पुत्री माना जाता है, इसलिए इस विवाह से कुंडली का मंगल दोष शांत हो जाता है। यह उपाय खासतौर पर उन पुरुषों के लिए है जिनकी कुंडली में मंगल ग्रह प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित हो।
मंगल दोष के कारण विवाह में देरी, वैवाहिक कलह, स्वास्थ्य समस्याएं या पार्टनर को हानि जैसे कष्ट हो सकते हैं। अर्क विवाह इन सबको दूर करने का सरल और शक्तिश्वरूप उपाय है। यह पूजा विवाह से पहले की जाती है, ताकि मूल विवाह सुखमय हो। महिलाओं के लिए समान दोष निवारण के रूप में कुम्भ विवाह किया जाता है।
उज्जैन में यह पूजा इसलिए विशेष है क्योंकि यहां मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार, उज्जैन पृथ्वी का नाभि केंद्र है, जहां ग्रहों की ऊर्जा सबसे अधिक संनादित होती है।
अर्क विवाह कब करना चाहिए? शुभ मुहूर्त और समय
अर्क विवाह कब करना चाहिए – यह सवाल हर प्रभावित व्यक्ति के मन में आता है। ज्योतिषीय दृष्टि से, यह पूजा विवाह की योजना बनते ही या दोष की पुष्टि होते ही करानी चाहिए। लेकिन सही समय का चयन कुंडली पर निर्भर करता है। सामान्यतः:
- शुभ तिथियां: द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी।
- अनुकूल नक्षत्र: हस्त, रोहिणी, मृगशिरा, स्वाति।
- वार: शनिवार या रविवार को प्राथमिकता, क्योंकि ये मंगल दोष निवारण के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।
- महीने: माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, कार्तिक, मार्गशीर्ष। चातुर्मास (जुलाई से नवंबर) और श्राद्ध पक्ष में टालें।
2025 के लिए कुछ सामान्य शुभ मुहूर्त (पंचांग शुद्धि के आधार पर):
- जनवरी: 18, 20, 22, 25।
- फरवरी: 1, 3, 5, 8, 10, 12, 15 (सबसे अधिक मुहूर्त)।
- मार्च से जून: 55 कुल विवाह मुहूर्त में से कई अर्क विवाह के लिए अनुकूल।
ध्यान दें, सटीक मुहूर्त के लिए व्यक्तिगत कुंडली का विश्लेषण जरूरी है। यदि आपकी कुंडली में मंगल की डिग्री अधिक है, तो तुरंत ज्योतिषी से सलाह लें।
उज्जैन में अर्क विवाह पूजा: मंगलनाथ और अंगरेश्वर मंदिर की विशेषता
उज्जैन में अर्क व कुम्भ विवाह पूजा महाकालेश्वर मंदिर में नहीं, बल्कि मंगलनाथ मंदिर और अंगरेश्वर मंदिर में कराई जाती है। ये दोनों मंदिर मंगल ग्रह से जुड़े हैं और दोष निवारण के लिए विश्वविख्यात हैं।
1. मंगलनाथ मंदिर: मंगल दोष का मूल केंद्र
- स्थान: उज्जैन के ट्रैफिक पुलिस थाने के पास, क्षिप्रा नदी के तट पर।
- महत्व: मंगलनाथ मंदिर मंगल ग्रह का जन्मस्थान है, जहां भगवान शिव मंगलनाथ रूप में विराजमान हैं। यहां की पूजा से मंगल की क्रूरता शांत होती है। अर्क विवाह के अलावा भात पूजा, कालसर्प दोष निवारण भी होता है।
- पूजा प्रक्रिया:
- संकल्प: पंडित जी कुंडली देखकर संकल्प लेते हैं।
- मंगल-सूर्य जाप: 108 बार मंत्र जाप, हवन और होम।
- प्रतीकात्मक विवाह: वर अर्क वृक्ष को वरमाला पहनाते हैं, फेरे लेते हैं।
- समापन: दान-पुण्य और प्रसाद वितरण।
- समय: 2-2.5 घंटे।
- लाभ: विवाह में बाधाएं दूर, दांपत्य सुख, संतान प्राप्ति।
2. अंगरेश्वर मंदिर: अंगारकी मंगल की शक्ति
- स्थान: उज्जैन शहर के बीच में, हरसिद्धि मंदिर के पास।
- महत्व: यह मंदिर अंगार (कोयला) से जुड़े मंगल रूप को समर्पित है। मंगलवार को यहां विशेष भीड़ होती है। अर्क विवाह यहां भी प्रभावी है, खासकर यदि कुंडली में मंगल की आग्नेय ऊर्जा अधिक हो।
- पूजा प्रक्रिया: मंगलनाथ जैसी ही, लेकिन अतिरिक्त अंगार पूजन। पंडित जी लाइव स्ट्रीमिंग भी उपलब्ध कराते हैं।
- लाभ: जीवन में ऊर्जा संतुलन, करियर में उन्नति।
ये पूजाएं अनुभवी पंडितों द्वारा की जाती हैं, जो वैदिक मंत्रों का सही उच्चारण सुनिश्चित करते हैं। उज्जैन आने वाले हजारों भक्त इन मंदिरों में अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
अर्क विवाह पूजा की बुकिंग कैसे करें? आसान स्टेप्स
अब सवाल आता है, उज्जैन में अर्क विवाह पूजा बुकिंग कैसे करें? चिंता न करें, यह प्रक्रिया सरल है। सबसे पहले अपनी व्यक्तिगत कुंडली (जन्म तिथि, समय, स्थान) तैयार रखें।
- कुंडली विश्लेषण: पूजा से पहले ज्योतिषी से कुंडली दिखाएं। यह तय करेगा कि अर्क विवाह जरूरी है या नहीं।
- मुहूर्त निर्धारण: पंडित जी शुभ तिथि सुझाएंगे।
- बुकिंग: हमारी सेवा के माध्यम से आसानी से बुक करें। पूजा सामग्री, पंडित व्यवस्था सब शामिल।
- आगमन: पूजा से एक दिन पहले उज्जैन पहुंचें। स्वच्छ वस्त्र (धोती-कुर्ता पुरुषों के लिए, साड़ी महिलाओं के लिए) पहनें। काले-हरे रंग से बचें।
- ऑनलाइन विकल्प: लाइव स्ट्रीमिंग से घर बैठे दर्शन कर सकते हैं।
व्यक्तिगत कुंडली के साथ पूजा बुकिंग के लिए संपर्क करें: यदि आप अपनी कुंडली के आधार पर सटीक मुहूर्त और बुकिंग चाहते हैं, तो सीधे हमसे संपर्क करें। कॉल करें 91310-25992 पर। हमारे अनुभवी पंडित आचार्य दीपक व्यास जी आपकी सहायता करेंगे। लागत 2100 से 5100 रुपये तक (सामग्री सहित), जो कुंडली की जटिलता पर निर्भर करती है। जल्द बुकिंग करें, क्योंकि लोकप्रिय तिथियों पर भीड़ रहती है।
अर्क विवाह के लाभ: क्यों है यह अनिवार्य?
- विवाह में बिना बाधा: देरी या असफलता का डर समाप्त।
- सुखी दांपत्य जीवन: कलह कम, प्रेम बढ़े।
- ग्रह शांति: मंगल की सकारात्मक ऊर्जा जीवन में संचारित।
- आध्यात्मिक शांति: पूजा से मन की शांति और आत्मविश्वास मिलता है।
कई भक्तों ने बताया कि उज्जैन की इस पूजा के बाद उनका विवाह सहज हो गया और जीवन खुशहाल बन गया।
निष्कर्ष: जीवन के बंधन को मजबूत बनाएं
अर्क विवाह कब करना चाहिए? जब कुंडली में दोष दिखे, तो बिना देरी के। उज्जैन के मंगलनाथ और अंगरेश्वर मंदिर इसकी सबसे सटीक जगह हैं, जहां ज्योतिषीय शक्ति चमत्कारिक परिणाम देती है। यदि आप भी वैवाहिक सुख की कामना रखते हैं, तो आज ही कदम उठाएं।
कुंडली भेजें या कॉल करें 8889406764 पर – हम आपकी पूजा बुकिंग और मार्गदर्शन के लिए हमेशा तैयार हैं। शुभकामनाएं! आपके जीवन में सदा सुख-शांति बनी रहे।