रुद्राभिषेक पूजा उज्जैन

उज्जैन मे रुद्राभिषेक पूजा के लिए अभी पंडित श्री काँता शर्मा जी से संपर्क करे। कम खर्च मे वैदिक विधि द्वारा रुद्राभिषेक पूजा सम्पन्न कराये। अपने जीवन की समस्याओं, ग्रह दोष, स्वास्थ्य परेशानियों या मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आज ही उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा की बुकिंग करें। 

रुद्राभिषेक पूजा क्या है?

रुद्राभिषेक दो शब्दो से मिलकर बना है, रुद्र यानि भगवान शिव और अभिषेक का मतलब अर्थ है, स्नान कराना, अर्थात भगवान शिव के रुद्र रूप को रुद्र मंत्रो के द्वारा स्नान कराना ही रुद्राभिषेक पूजन कहलाता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने एवं उनके शुभाशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए रुद्राभिषेक किया जाता है। हिन्दू धर्म की मान्यताओ के अनुसार अभिषेक को बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। अभिषेक के द्वारा आप अपनी सभी बाधाओ एवं समस्याओ को पूर्ण रूप से समाप्त कर जीवन मे सफलता प्राप्त कर सकते है। 

Rudrabhishek Puja in Ujjain

रुद्राभिषेक क्यो किया जाता है?

ऐसा माना जाता है, की केवल भगवान शिव के रुद्र अवतार की पुजा से ही सभी देवी देवताओ की पुजा स्वतः ही हो जाती है। हमारी कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक कर्म भी रुद्राभिषेक से जलकर नष्ट हो जाते है तथा जो भी साधक रुद्राभिषेक करता है, उसमे शिवत्व उदित होता है। रुद्रहृदयोपनिषद के एक श्लोक मे भगवान शिव के रुद्र अवतार का वर्णन कुछ इस प्रकार है, सर्वदेवात्मकों रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका इसका अर्थ है की सभी देवताओ की आत्मा मे रुद्र विद्यमान है, और सभी देवता रुद्र की आत्मा है। शास्त्रो मे रुद्राभिषेक द्वारा विविध कामनाओ की पूर्ति के लिए अलग – अलग द्रव्यों तथा पूजन सामग्री का वर्णन है। किसी खास मनोरथ की प्राप्ति के लिए मनोरथ अनुसार पूजन सामग्री से रुद्राभिषेक किया जाता है। 

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा का क्या महत्व है?

रुद्राभिषेक पूजा विशेष रूप से उज्जैन में प्रभावी मानी जाती है, क्योंकि यह भगवान महाकालेश्वर की पवित्र नगरी है, जो समय के स्वामी और शिव के ज्योतिर्लिंग रूप हैं। उज्जैन की क्षिप्रा नदी और महाकाल मंदिर की आध्यात्मिक ऊर्जा इस पूजा को और शक्तिशाली बनाती है।

  • उज्जैन, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर का निवास स्थान है।

  • यहाँ की गई पूजा का फल अन्य स्थानों की तुलना में कई गुना अधिक माना जाता है।

  • भगवान महाकाल की कृपा से ग्रह दोष, पितृ दोष, आर्थिक समस्या, वैवाहिक अड़चनें, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ आदि दूर होती हैं।

  • धार्मिक ग्रंथों में भी उज्जैन में रुद्राभिषेक को अत्यंत प्रभावी बताया गया है।

रुद्राभिषेक के लिए पूजन सामग्री क्या है?

विविध कामनाओ की पूर्ति के लिए निम्नानुसार द्रव्यों तथा पूजन सामग्री द्वारा रुद्राभिषेक किया जाता है। 

  • शक्कर मिश्रित जल से रुद्राभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति होती है। 
  • निरोगी स्वास्थ के लिए गौ दुग्ध तथा शुद्ध घी से अभिषेक करना चाहिए। 
  • पातक तथा महापातक कर्मो को शहद द्वारा रुद्राभिषेक करके नष्ट किया जा सकता है। 
  • पवित्र नदी के जल से अभिषेक करने से मोक्ष प्राप्त होता है। 
  • किसी बीमारी को ठीक करने के लिए इत्र मिश्रित जल से अभिषेक किया जाना जाता है। 
  • भवन एवं वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करना है। 
  • शहद एवं घी से रुद्राभिषेक करने से धनवृद्धि होती है। 
  • रुद्राभिषेक से योग्य एवं विद्वान संतान मिलती है। 
  • गन्ने के रस से अभिषेक करने से लक्ष्मी जी घर मे निवास करती है। 
  • दुग्धाभिषेक करने से प्रमेह रोग जल्द समाप्त होता है। 
  • शक्कर मिश्रित दूध से अभिषेक करने से मूर्ख व्यक्ति भी बुद्धिमान बन जाता है। 
  • दुश्मन को पराजित करने के लिए सरसो के तेल से अभिषेक किया जाता है। 
  • क्षयरोग को दूर करने के लिए शहद से अभिषेक करना चाहिए। 
  • वंश के विस्तार के लिए घी की धारा से सहस्त्रनाम मंत्रो का उच्चारण करते हुये रुद्राभिषेक किया जाता है। 
  • गौ दुग्ध तथा शुद्ध घी से अभिषेक करने पर आरोग्यता प्राप्त होती है। 
  • शक्कर मिश्रित जल से अभिषेक करने पर पुत्र प्राप्ति होती है। 
  • गंगा जल या शीतल जल से रुद्राभिषेक करने पर बुखार ठीक हो जाता है।

रुद्राभिषेक पूजा-विधि क्या है?

रुद्राभिषेक पूजा एक संरचित वैदिक अनुष्ठान है, जो निम्नलिखित चरणों में पूरी होती है:

  1. क्षिप्रा नदी में स्नान: आत्मिक और शारीरिक शुद्धि के लिए सुबह स्नान करें।

  2. संकल्प और गणेश पूजा: बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश जी की पूजा करें और संकल्प ले।  

  3. शिवलिंग अभिषेक: पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर), जल, बेलपत्र, और अन्य पवित्र सामग्री से शिवलिंग का अभिषेक करें।  

  4. मंत्र जाप: यजुर्वेद के रुद्र सूक्त, श्री रुद्रम्, चमकम्, और महामृत्युंजय मंत्र (ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…) का जाप करें।

  5. हवन: वैदिक मंत्रों के साथ हवन, जिसमें बेलपत्र और अन्य सामग्री अर्पित की जाती है।

  6. विसर्जन: पूजा सामग्री और रुद्र यंत्र का क्षिप्रा नदी में विसर्जन करें।

  7. दान और दक्षिणा: बेलपत्र, दूध, और अन्य सामग्री का दान करें।

रुद्राभिषेक पूजा से मिलने वाले लाभ कौन-कौन से है?

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा के कई लाभ हैं, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों मे देखे गए हैं ये लाभ निम्नलिखित है:

  • स्वास्थ्य: पुरानी बीमारियों और मानसिक तनाव से राहत।

  • आर्थिक स्थिरता: धन हानि और कानूनी विवादों से मुक्ति।

  • वैवाहिक सुख: रिश्तों में सामंजस्य और विवाह में देरी का निवारण।

  • करियर प्रगति: नौकरी और व्यवसाय में सफलता।

  • आध्यात्मिक जागृति: मानसिक शांति और आत्म-जागृति।

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा में कितना खर्च आता है?

उज्जैन में रुद्राभिषेक पूजा खर्च पूजा की विधि, मंत्र जाप की संख्या और पंडितों की संख्या पर निर्भर करती है। निम्नलिखित खर्च अनुमानित है पूजा का सटीक खर्च जानने के लिए अभी उज्जैन के अनुभवी पंडित कांता शर्मा जी से संपर्क करें:

  
सामान्य रुद्राभिषेक₹2100+
महामृत्युंजय रुद्राभिषेक₹5100+
विशेष संकल्प रुद्राभिषेक

₹7,500+

पंडित जी के पास वर्षभर रुद्राभिषेक पूजा के लिए लोग आते है, और अपनी समस्याओ और बाधाओ से छुटकारा पाते है। अगर आप भी अपनी किसी समस्या के समाधान के लिए पूजा करवाना चाहते है, तो नीचे दी गई बटन पर क्लिक करके पंडित जी से बात कर सकते है।

रुद्राभिषेक पूजा उज्जैन – FAQs

सावन का महीना, महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत, सोमवार और अमावस्या के दिन रुद्राभिषेक पूजा के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर), गंगाजल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, चंदन, भस्म, फूल, फल और प्रसाद आदि। ओर अधिक जानकारी के लिए उज्जैन के योग्य पंडित जी से सम्पर्क करें। 

हाँ, सामान्य रुद्राभिषेक पूजा लगभग 1 से 2 घंटे में पूरी हो जाती है, जबकि महामृत्युंजय रुद्राभिषेक में अधिक समय लग सकता है।

नहीं, रुद्राभिषेक पूजा वैदिक मंत्रों और शास्त्रोक्त विधि से की जाती है। इसके लिए योग्य पंडित की आवश्यकता होती है।