नवग्रह शांति पूजा उज्जैन

नवग्रह दोष के कारण जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे जा सकते है। लेकिन उज्जैन में वैदिक परंपरा से की जाने वाली विधिवत नवग्रह शांति पूजा से ग्रहों की अशुभता दूर होकर जीवन में शांति, सुख और सफलता आती है। तो आज ही उज्जैन के योग्य पंडित कांता शर्मा जी से संपर्क करें और अपनी पूजा की बुकिंग कराएं।

नवग्रह दोष क्या है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे जीवन पर नवग्रह – सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु का सीधा प्रभाव पड़ता है। जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में ग्रह अशुभ स्थान पर हों या आपस में टकराव की स्थिति बनाएं, तो ऐसी स्थिति में नवग्रह दोष देखने को मिलता है। इसका प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र पर दिखाई देता है जैसे-स्वास्थ्य, शिक्षा, विवाह, संतान, व्यापार और मानसिक शांति तक। यह दोष कई प्रकार का होता है, जैसे सूर्य दोष (पिता संबंधी समस्याएँ), चंद्र दोष (मानसिक तनाव), मंगल दोष (वैवाहिक बाधाएँ), आदि।

नवग्रह दोष का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

नवग्रह दोष का प्रभाव कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दशा-अंतर्दशा पर निर्भर करता है इसके प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:

  • स्वास्थ्य: सूर्य, चंद्र या मंगल के दोष से शारीरिक (रक्तचाप, पुरानी बीमारियाँ) और मानसिक तनाव।

  • आर्थिक स्थिति: शनि, राहु या केतु के प्रभाव से धन हानि, अप्रत्याशित खर्च या निवेश में असफलता।

  • वैवाहिक जीवन: मंगल या शुक्र के दोष से विवाह में देरी, तनाव या गलतफहमियाँ।

  • करियर और शिक्षा: बुध या गुरु के दोष से नौकरी, व्यवसाय या पढ़ाई में रुकावटें।

  • आध्यात्मिक भटकाव: राहु-केतु के प्रभाव से गलत मार्गदर्शन या मानसिक अशांति।

  • सकारात्मक पक्ष: दोष व्यक्ति को अनुशासित, साहसी और आध्यात्मिक रूप से जागरूक बनाते हैं, यदि सही उपाय किए जाएँ।

नवग्रह शांति पूजा क्या है?

नवग्रह शांति पूजा मुख्य रूप से नकरात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा मे वृद्धि के लिए की जाती है। सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्पति, शनि, राहू एवं केतू इन सभी ग्रहो के समूह को नवग्रह कहा जाता है। नौ ग्रहो का अपना महत्व होता है। यह सभी गृह शुभ फलदायक होते है, इस कारण इन सभी नवग्रहों की पुजा का विशेष महत्व है। जीवन मे सफलता प्राप्त करने के लिए नवग्रह शांति पूजा कराना जरूरी  होता है।

नवग्रह दोष शांति पूजा एक सामान्य पूजा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साहसिक यात्रा है। उज्जैन में नवग्रह दोष शांति पूजा इस दोष को न केवल शांत करती है, बल्कि व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाती है। 

Navgrah Shanti Puja Ujjain

नवग्रह दोष शांति पूजा की विधि क्या है?

  1. पूजा का संकल्प लेकर पंडित जी मंत्रोच्चारण शुरू करते हैं।
  2. प्रत्येक ग्रह के लिए विशेष बीज मंत्र का जाप किया जाता है।

  3. नवग्रह यंत्र और नवग्रह मूर्तियों की स्थापना कर उनकी पूजा होती है।

  4. हवन और आहुतियों के द्वारा ग्रहों को प्रसन्न किया जाता है।

  5. पूजा के अंत में पंडित जी आशीर्वाद देते हैं और प्रसाद का वितरण होता है।

नवग्रह शांति से प्राप्त होने वाले शुभ फल कौन-कौन से है?

नवग्रह शांति पूजा से निम्नलिखित प्रकार के शुभ फल प्राप्त होते है-

  1. अगर कोई व्यक्ति किसी बीमारी से लंबे समय से बीमार हो तो, उस बीमारी से मुक्ति नवग्रह शांति पूजा से मिल जाती है। 
  2. नवग्रह शांति पूजा से विवाह मे किसी भी प्रकार की बाधा एवं समस्या नहीं आती है। 
  3. नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते है, और सकारात्मकता मे वृद्धि होती है। 
  4. नवग्रह पूजा करने पर सुख, समृद्धि एवं सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 
  5. नवग्रह शांति पूजा से व्यक्तिगत एवं व्यापारिक जीवन की सभी समस्याओ को दूर किया जा सकता है।  

उज्जैन में नवग्रह दोष शांति पूजा में कितना खर्च आता है?

उज्जैन में नवग्रह दोष शांति पूजा की लागत पूजा के प्रकार, पंडितों की संख्या और स्थान पर निर्भर करती है। उज्जैन में यह पूजा आमतौर पर ₹2,100  से ₹5,000 तक की जाती है। खर्च पंडित जी, विधि और सामग्रियों पर निर्भर करता है, इसलिए पूजा के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए आज ही नीचे दिये गए नंबर पर सम्पर्क करें। 

किन लोगों को नवग्रह दोष शांति पूजा करवानी चाहिए?

निम्नलिखित स्थितियों में नवग्रह शांति पूजा करवानी चाहिए:

  • यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह नीच राशि में हो, पीड़ित हो, या नकारात्मक युति बनाता हो।

  • यदि आप वैवाहिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएँ (जैसे रक्तचाप, मानसिक तनाव), आर्थिक हानि, या करियर में रुकावटों का सामना कर रहे हैं।

  • यदि आप शनि की साढ़े साती, ढैय्या, या राहु-केतु के गोचर से प्रभावित हैं।

  • यदि ज्योतिषी ने आपकी कुंडली में नवग्रह दोष की पुष्टि की है। यह पूजा उन लोगों के लिए भी लाभकारी है जो अपने जीवन में संतुलन और शांति चाहते हैं। ज्योतिषी से सलाह लेकर पूजा की आवश्यकता की पुष्टि करें।

नवग्रह शांति मंत्र क्या है एवं इसका जाप कैसे करे?

हमारे धार्मिक ग्रंथो मे अनेक मंत्रो का उल्लेख मिलता है उन्ही मे से एक मंत्र नवग्रह शांति का भी है। इस मंत्र के जाप से सभी ग्रहो को शांत किया जा सकता है। यह मंत्र, जो ग्रह शुभ प्रभाव दिखा रहे है उन्हे मजबूत करता है। इस मंत्र के नियमित जाप से सभी ग्रहो के बुरे एवं अशुभ प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है।

नवग्रह शांति मंत्र 

ऊँ ब्रह्मामुरारि त्रिपुरान्तकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च। 

गुरुश्च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वेग्रहा: शान्ति करा: भवन्तु।।

इस मंत्र के जाप के लिए सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद साफ वस्त्र पहनकर नवग्रहों की पूजा करे। नवग्रह की मूर्ति के आगे आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला से  5 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फल जल्दी प्राप्त होता है। 

नवग्रह शांति पूजा के लाभ क्या है?

  • स्वास्थ्य सुधार: पुरानी बीमारियों और मानसिक तनाव से राहत मिलती है।

  • आर्थिक स्थिरता: धन हानि और खर्चों से मुक्ति मिलती है।

  • वैवाहिक सुख: रिश्तों में सामंजस्य, तनाव में कमी होती है। 

  • करियर प्रगति: नौकरी और व्यवसाय में सफलता प्राप्त होती है।

  • आध्यात्मिक जागृति: मानसिक शांति और आत्म-जागृति मिलती है।

उज्जैन मे नवग्रह शांति पूजा के लिए संपर्क करे।

क्या आपकी कुंडली में भी नवग्रह दोष है और आप भी अपनी किसी समस्या के समाधान के लिए उज्जैन में नवग्रह शांति पूजा करवाना चाहते है, तो नीचे दी गई बटन पर क्लिक करके पंडित जी से बात कर सकते है। पंडित जी उज्जैन के अनुभवी पंडितो की गिनती में आते है। वर्षभर लोग अपनी समस्याओ के समाधान के लिए उज्जैन आते है और अपनी परेशानियों से छुटकारा पाते है। 

नवग्रह शांति पूजा उज्जैन - FAQs

जब कुंडली में राहु, केतु, शनि, मंगल, चंद्रमा या अन्य ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति के जीवन में परेशानियाँ, असफलताएँ और मानसिक तनाव बढ़ जाते हैं। इस पूजा के माध्यम से ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करके जीवन में सुख, शांति और सफलता प्राप्त की जाती है।

नवग्रह दोष शांति पूजा में लगभग 3 से 5 घंटे का समय लगता है। लेकिन पूजा की अवधि व्यक्ति की कुंडली और दोष की तीव्रता पर भी निर्भर करती है।

हाँ, पूजा के दिन शुद्धता और उपवास का पालन करना चाहिए। मांसाहार, नशा और नकारात्मक विचारों से दूरी बनाए रखे। हल्के वस्त्र पहनें और पूजा स्थल पर समय से पहुँचे। अधिक तथा सही जानकारी के लिए अपने पूजा पंडित जी से संपर्क करें।