नवग्रह शांति पूजा विधि क्या है? जाने महत्व, लाभ और बुकिंग
हिंदू ज्योतिष में नवग्रहों का प्रभाव बहुत गंभीर माना जाता है। जन्म कुंडली में ग्रहों की शुभ और अशुभ स्थिति जीवन के कई क्षेत्रो पर प्रभाव डालती है। जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में किसी ग्रह का दोष या प्रभाव बढ़ जाता है, तब नवग्रह शांति पूजा एक शक्तिशाली उपाय माना जाता है। यह पूजा सभी नौ ग्रहों—सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु को शांत कर जीवन में संतुलन लाने के लिए की जाती है।
यदि आप भी लगातार बाधाओं, धन हानि, व्यवसाय में समस्या, परिवारिक तनाव, मानसिक अशांति या स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों का सामना कर रहें है, तो उज्जैन मे नवग्रह शांति पूजा कराएं, यह पूजा बहुत शुभ और फलदायी मानी जाती है।
नवग्रह शांति पूजा क्यों की जाती है? क्यों जरूरी है ये पूजा?
नौ ग्रह हमारे जीवन के नौ खंभे हैं। सूर्य आत्मा है, चंद्र मन है, मंगल साहस, बुध बुद्धि, गुरु ज्ञान, शुक्र सुख, शनि कर्मफल, राहु भ्रम और केतु मोक्ष। जब ये असंतुलित होते हैं, तो जीवन में तूफान आ जाता है। नवग्रह शांति पूजा इन नौ देवताओं को एक साथ शांत करती है और कुंडली के सभी ग्रह दोषों का एक साथ निवारण करती है। खास बात – उज्जैन में यह पूजा इसलिए सबसे प्रभावी है क्योंकि यहीं प्राचीन नवग्रह मंदिर है, जहाँ विक्रमादित्य ने पहली बार इस पूजा का आयोजन किया था।
ग्रहों की अशुभ स्थिति कई तरह की चुनौतियां पैदा करती है। इस पूजा का उद्देश्य ग्रहों को संतुलित करना और उनके दोषों को कम करना होता है। ऐसा माना जाता है कि पूजा के बाद ग्रहों का सकारात्मक प्रभाव बढ़ता है और जीवन में स्थिरता आने लगती है।
यह पूजा विशेष रूप से तब की जाती है जब—
- बार-बार असफलताएं मिल रही हों
- विवाह, नौकरी या पढ़ाई में अड़चनें आ रही हों
- अचानक खर्च या नुकसान हो रहे हों
- ग्रहों की दशा और अंतरदशा परेशान कर रही हो
- मन अशांत या जीवन में रुकावटें बढ़ रही हों।
उज्जैन में नवग्रह शांति पूजा की विधि क्या है?
यह पूजा बहुत ही विधिवत और व्यवस्थित तरीके से सम्पन्न की जाती है। यहां पूरी प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया गया है:
1. शुद्धिकरण और संकल्प
पूजा शुरू होने से पहले भक्त स्नान करके पवित्र वस्त्र धारण करता है। पंडित जी पूजा स्थान को शुद्ध करके नवग्रहों का आवाहन करते हैं। इसके बाद संकल्प करवाया जाता है, जिसमें भक्त अपनी इच्छा और उद्देश्य बताता है।
2. मंडल और कलश स्थापना
नवग्रहों के लिए विशेष मंडल बनाया जाता है। कलश पर नारियल, मौली और आम पत्र रखकर पूजा शुरू की जाती है।
3. नवग्रह आवाहन मंत्र
हर ग्रह के लिए अलग-अलग मंत्र होते हैं। पंडित जी सभी नौ ग्रहों की ऊर्जा को जागृत करने के लिए वैदिक मंत्रों का उच्चारण करते हैं।
4. ग्रहों की अलग-अलग पूजा
हर ग्रह को अलग धूप, दीप, फूल, वस्त्र और नैवेद्य अर्पित किया जाता है।
जैसे—
- सूर्य को लाल वस्त्र और अक्षत
- चंद्र को सफेद वस्त्र और दूध
- मंगल को लाल फूल
- शनि को तिल
इत्यादि।
5. नवग्रह मंत्र जप
प्रत्येक ग्रह का विशेष मंत्र जपा जाता है, जैसे—
- सूर्य मंत्र
- महामृत्युंजय मंत्र
- मंगल बीज मंत्र
- शनि शांति मंत्र
- राहु-केतु मंत्र
यह सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है।
6. हवन (यज्ञ)
नवग्रह शांति पूजा का मुख्य चरण हवन है। हवन में प्रत्येक ग्रह के मंत्र के साथ घृत, तिल, जौ, मधु और अन्य सामग्री आहुति दी जाती है। कहते हैं कि हवन धुंआ वातावरण और मन दोनों को शुद्ध करता है।
7. पूजा समापन
अंत में पंडित जी आशीर्वाद देते हैं और प्रसाद वितरण किया जाता है। पूजा आमतौर पर 1 से 1.5 घंटे में पूरी होती है।
नवग्रह शांति पूजा कब करानी चाहिए?
- ग्रहों की दशा और अंतरदशा चल रही हो
- शनि साढ़े साती या ढैय्या का प्रभाव बढ़ा हो
- राहु-केतु से संबंधित परेशानियां हों
- विवाह, संतान, नौकरी या व्यापार में रुकावटें हों
- बार-बार नकारात्मक स्थितियां बन रही हों
सोमवार, गुरुवार और शनिवार को यह पूजा अधिक शुभ मानी जाती है।
उज्जैन में नवग्रह शांति पूजा क्यों कराई जाती है?
उज्जैन का प्राचीन नवग्रह मंदिर भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ नौ ग्रहों की मूर्तियाँ सही दिशा में स्थापित हैं। यहाँ की पूजा में क्षिप्रा स्नान के बाद पंडित जी पहले आपकी कुंडली देखते हैं, फिर कमजोर ग्रहों की विशेष पूजा करते हैं। उज्जैन में यह पूजा करने से ग्रहों का प्रभाव 10 गुना बढ़ जाता है क्योंकि यहाँ की भूमि ही ग्रहों की ऊर्जा से संतृप्त है।
नवग्रह शांति पूजा के चमत्कारी लाभ कौन-कौन से है?
इस पूजा से सूर्य से आत्मविश्वास बढ़ता है, चंद्र से मानसिक शांति मिलती है, मंगल से साहस आता है, बुध से बुद्धि तेज होती है, गुरु से ज्ञान और संतान सुख मिलता है, शुक्र से वैवाहिक सुख और धन आता है, शनि से कर्मफल सुधरता है, राहु से भय और छल दूर होता है और केतु से मोक्ष मार्ग प्रशस्त होता है। कुल मिलाकर जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आता है।
- ग्रहों की अशुभ स्थिति कम होती है
- जीवन में स्थिरता और शांति आती है
- मानसिक तनाव कम होता है
- रोक-टोक और बाधाएं घटती हैं
- सेहत और आर्थिक स्थिति बेहतर होती है
- वैवाहिक और पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं
- निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है
- नौकरी, परीक्षा और करियर में सफलता मिलती है।
उज्जैन में कैसे कराएं नवग्रह शांति पूजा बुकिंग?
नवग्रह शांति पूजा एक प्रभावी वैदिक प्रक्रिया है जो ग्रहों की अशुभ स्थिति को शांत करके जीवन में संतुलन लाती है। अगर जन्म कुंडली में ग्रह दोष या लगातार रुकावटें महसूस हो रही हों, तो यह पूजा जीवन को सही दिशा देने में मदद करती है। सही विधि, सही मंत्र और योग्य पंडित के मार्गदर्शन में कराई गई यह पूजा बहुत शुभ और फलदायी मानी जाती है।
उज्जैन में नवग्रह शांति पूजा पूरी विधि के साथ सम्पन्न कराने के लिए आज ही पंडित कांता शर्मा जी से नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क करें और पूजा बुकिंग की पूरी जानकारी प्राप्त करें।