अंगारक दोष पूजा उज्जैन

अंगारक दोष एक ऐसी स्थिति है, जो मंगल ग्रह और राहु की विशेष स्थिति के कारण बनती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में वैवाहिक, स्वास्थ्य, और करियर संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यदि आप इन समस्याओं का सामना कर रहे है,तो आज ही उज्जैन के श्रेष्ठ पंडित कान्ता शर्मा जी से संपर्क करें और अपनी पूजा बुक करें। 

अंगारक दोष क्या होता है?

हिन्दू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल ग्रह और राहु का अशुभ योग बनता है, तब इसे अंगारक दोष कहा जाता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, गुस्सा, पारिवारिक कलह और आर्थिक परेशानियाँ ला सकता है। कई बार यह दोष दुर्घटनाओं और कोर्ट-कचहरी जैसे मामलों में भी उलझा देता है।

अंगारक दोष जीवन में अनेक कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है, लेकिन सही समय पर योग्य पंडित द्वारा अंगारक दोष निवारण पूजा कराने से इस दोष को शांत किया जा सकता है। उज्जैन अंगारक दोष पूजा के लिए सर्वोत्तम स्थान है, जहाँ प्राचीन परंपरा और आध्यात्मिक ऊर्जा के माध्यम से भक्तों को शीघ्र फल की प्राप्ति होती है।

अंगारक दोष का जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

अंगारक दोष का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति और दशा-अंतर्दशा पर निर्भर करता है। इसके कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:

  • वैवाहिक जीवन में बाधाएँ: विवाह में देरी, वैवाहिक तनाव, या गलतफहमियाँ।

  • स्वास्थ्य समस्याएँ: रक्त संबंधी रोग, दुर्घटनाएँ, सर्जरी की संभावना, या त्वचा की समस्याएँ।

  • करियर में अस्थिरता: गुस्से और जल्दबाज़ी में लिए गए निर्णयों के कारण नौकरी या व्यवसाय में हानि।

  • मानसिक तनाव: चिंता, क्रोध, और अनिर्णय की स्थितिका बन जाना। 

  • संपत्ति विवाद: भूमि या संपत्ति से संबंधित समस्याएँ।

अंगारक दोष के उपाय कौन-कौन से होते है?

अंगारक दोष के प्रभावों को कम करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। ये उपाय  व्यक्ति की आस्था के अनुसार किए जा सकते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख और प्रभावी उपाय दिए जा रहे हैं:

  • हनुमान जी की उपासना: मंगलवार को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें। हनुमान जी की पूजा से मंगल और राहु दोनों शांत होते हैं।

  • मंगलवार का व्रत: उपवास रखें और गुड़-चना का दान करें।

  • लाल चंदन का तिलक: रोजाना माथे पर लाल चंदन का तिलक लगाएँ।

  • रक्त रंग के फूल चढ़ाना: मंगलवार को हनुमान जी या भैरव बाबा को लाल फूल अर्पित करें।

  • मंगल बीज मंत्र: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” – इसका रोज 108 बार जप करें।

  • राहु बीज मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” – प्रतिदिन या विशेषकर शनिवार को 108 बार जप करें।

  • नवग्रह शांति मंत्रों का नियमित पाठ भी शुभ रहता है।

  • दान और सेवा जरूर करें। 

अंगारक दोष पूजा क्या होती है?

उज्जैन में अंगारक दोष पूजा एक शक्तिशाली वैदिक अनुष्ठान है, जो भगवान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और पवित्र क्षिप्रा नदी की आध्यात्मिक ऊर्जा से संचालित होता है। यह पूजा मंगल और राहु की नकारात्मक शक्ति को शांत करती है और व्यक्ति को मानसिक शांति, स्वास्थ्य, और वैवाहिक सुख प्रदान करती है।

उज्जैन का प्राचीन ज्योतिषीय महत्व और भगवान शिव की कृपा इस पूजा को विशेष बनाती है। यह एक साहसिक आध्यात्मिक यात्रा है, जहां हर अनुष्ठान मंगल की उग्रता को नियंत्रित करने और जीवन में संतुलन लाने का प्रतीक है।

उज्जैन में स्थित मंगलनाथ मंदिर को मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है।
यहाँ की गई पूजा का फल अन्य स्थानों की तुलना में कई गुना अधिक होता है।
साथ ही, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की कृपा से ग्रहों के अशुभ प्रभाव जल्दी शांत होते हैं।

Angarak Dosh Puja in Ujjain

उज्जैन में अंगारक दोष पूजा की प्रक्रिया क्या है?

  1. क्षिप्रा नदी में स्नान: सुबह जल्दी स्नान करें, जो आत्मिक और शारीरिक शुद्धि का प्रतीक है।

  2. संकल्प और गणेश पूजा: बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश जी की पूजा।

  3. नवग्रह पूजा: सभी ग्रहों की शांति के लिए मंत्र जाप और पूजन।

  4. मंगल-राहु पूजा: विशेष मंत्र जाप और हवन। मंत्र:

    • मंगल: ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः

    • राहु: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः

  5. हनुमान पूजा: हनुमान चालीसा का पाठ और हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना।

  6. महामृत्युंजय जाप: स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए। मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्…

  7. विसर्जन: पूजा सामग्री और चाँदी के नाग-नागिन जोड़े का क्षिप्रा नदी में विसर्जन।

  8. दान और दक्षिणा: लाल चंदन, लाल वस्त्र, गुड़, और तिल का दान।

उज्जैन को ही क्यों चुने अंगारक दोष पूजा के लिए?

उज्जैन सिर्फ महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का ही नहीं, बल्कि ग्रह दोष निवारण का भी प्रमुख स्थल है। यहाँ पूजा कराने से भगवान शिव की असीम कृपा सीधे प्राप्त होती है। उज्जैन मे कई ऐसे अनुभवी और श्रेष्ठ पंडित उपलब्ध जो पूरी विधि के साथ सफल पूजा कराते है। उज्जैन न केवल अंगारक दोष पूजा के लिए बल्कि कालसर्प दोष पूजा, मंगल दोष पूजा और अन्य दोष निवारण पूजाओ के लिए भी श्रेष्ठ माना जाता है। 

  • शिप्रा नदी के तट पर कि गई पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।

  • प्राचीन परंपराओं के अनुसार उज्जैन में मंगल ग्रह की शांति पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है।

  • यहां अनुभवी पंडित और ज्योतिषी विशेष मुहूर्त निकालकर विधि-विधान से पूजा करवाते हैं।

उज्जैन में अंगारक दोष पूजा का खर्च कितना आता है?

उज्जैन में विधिवत रूप से अंगारक दोष कराने पर पूजा का खर्च 2,100 से 5,000 रुपये के बीच होता है। यह राशि पूजा की पूरी विधि और पंडितो की संख्या पर निर्भर करती है। यह एक अनुमानित पूजा खर्च है पूजा के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित कांता शर्मा जी से  नीचे दिये नंबर पर संपर्क करे।  

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अंगारक दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं खड़ी करता है। यदि यह दोष आपकी कुंडली में है तो उज्जैन के योग्य पंडित कांता शर्मा जी से पूजा कराना अत्यंत लाभकारी है। यहां की धार्मिक ऊर्जा और शास्त्र सम्मत विधि से किया गया अनुष्ठान जल्द ही शुभ परिणाम देता है। तो आज ही अपनी पूजा बुकिंग के लिए कॉल करें। 

Angarak Dosh Puja Ujjain - FAQs

अंगारक दोष का पता जन्म कुंडली के आधार पर लगाया जाता है। कुंडली में अगर मंगल और राहु एक ही भाव में हों, तो यह दोष बनता है। व्यक्तिगत कुंडली दिखाने के लिए आप हमसे दिये गए नंबर पर भी संपर्क कर सकते है।

उज्जैन में स्थित मंगलनाथ मंदिर को मंगल ग्रह का जन्मस्थान माना जाता है। यहाँ की गई पूजा का फल अन्य स्थानों की तुलना में कई गुना अधिक होता है। साथ ही, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की कृपा से ग्रहों के अशुभ प्रभाव जल्दी शांत होते हैं।

मंगलवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। इसके अलावा, अमावस्या, पूर्णिमा और संकष्टी चतुर्थी पर की गई पूजा का फल अधिक होता है। विशेष रूप से उज्जैन के अनुभवी पंडित जी द्वारा कुंडली के आधार पर शुभ मुहूर्त का चयन करें। 

अंगारक दोष पूजा की संपूर्ण प्रक्रिया में आमतौर पर 3 से 4 घंटे का समय लगता है। हालाँकि, पूजा की अवधि व्यक्ति की कुंडली और दोष की तीव्रता पर निर्भर कर सकती है।