नवग्रह शांति पूजा मुख्य रूप से नकरात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मक ऊर्जा मे वृद्धि के लिए की जाती है। इन नवग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन पर भी पड़ता है। सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्पति, शनि, राहू एवं केतू इन सभी ग्रहो के समूह को नवग्रह कहा जाता है। नौ ग्रहो का अपना महत्व होता है। यह सभी गृह शुभ फलदायक होते है, इस कारण इन सभी नवग्रहों की पुजा का विशेष महत्व है। जीवन मे सफलता प्राप्त करने के लिए भी नवग्रह शांति पूजा कराना जरूरी होता है।
नवग्रह शांति पूजा से निम्नलिखित प्रकार के शुभ फल प्राप्त होते है-
हमारे धार्मिक ग्रंथो मे अनेक मंत्रो का उल्लेख मिलता है उन्ही मे से एक मंत्र नवग्रह शांति का भी है। केवल इस मंत्र के जाप से सभी ग्रहो को शांत किया जा सकता है। यह मंत्र जो ग्रह शुभ प्रभाव दिखा रहे है, उन्हे मजबूत करता है। इस मंत्र के नियमित जाप से सभी ग्रहो के बुरे एवं अशुभ प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है।
नवग्रह शांति मंत्र
ऊँ ब्रह्मामुरारि त्रिपुरान्तकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनि राहु केतव: सर्वेग्रहा: शान्ति करा: भवन्तु।।
इस मंत्र के जाप के लिए सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद साफ वस्त्र पहनकर नवग्रहों की पूजा करे। नवग्रह की मूर्ति के आगे आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला से 5 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से शुभ फल जल्दी प्राप्त होता है।
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