क्या हर काल सर्प योग दोष होता है

क्या हर काल सर्प योग दोष होता है? पूरी सच्चाई जानिए

भारतीय ज्योतिष में “काल सर्प योग” या “काल सर्प दोष” का नाम सुनते ही बहुत से लोगों के मन में भय पैदा हो जाता है। कई लोग मानते हैं कि यदि किसी की कुंडली में यह योग बनता है, तो जीवन में कठिनाइयां, असफलता और मानसिक तनाव बढ़ जाते हैं। लेकिन क्या सच में हर काल सर्प योग एक दोष होता है? आइए इस विषय को विस्तार से समझते हैं।

काल सर्प योग क्या होता है?

जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तो उसे काल सर्प योग कहा जाता है। यह स्थिति ऐसे बनती है जैसे कोई सर्प अपने शरीर में ग्रहों को लपेटे हुए हो। राहु को सर्प का मुख और केतु को सर्प की पूंछ माना जाता है।

Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain

कुल 12 प्रकार के काल सर्प योग बताए गए हैं, जैसे अनंत, कुलिक, वासुकी, शंखपाल, पद्म, महापद्म, तक्षक, कारक, शंखचूड़, घटक, विषधर और शेषनाग काल सर्प योग। प्रत्येक योग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर अलग-अलग रूप में पड़ता है।

क्या हर काल सर्प योग दोष बन जाता है?

यह एक बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है। वास्तव में, हर काल सर्प योग को दोष नहीं कहा जा सकता।

कभी-कभी कुंडली में ग्रहों की स्थिति ऐसी होती है कि राहु-केतु के बीच ग्रह तो होते हैं, लेकिन शुभ ग्रहों की दृष्टि या उनकी स्थिति के कारण यह योग शुभ फल भी दे सकता है।

उदाहरण के लिए:

  • यदि कुंडली में सूर्य, चंद्र या गुरु जैसे ग्रह बलवान स्थिति में हों,
  • लग्न या दशम भाव मजबूत हो,
  • और शुभ ग्रहों की दृष्टि राहु-केतु पर पड़ रही हो,

तो यह योग व्यक्ति को सफलता, प्रसिद्धि और आध्यात्मिक शक्ति भी दे सकता है।

इसलिए केवल काल सर्प योग देखकर डरने की जरूरत नहीं है। जरूरी है कि किसी अनुभवी ज्योतिषाचार्य से अपनी कुंडली का सही विश्लेषण करवाया जाए।

काल सर्प योग कब दोष बनता है?

जब राहु और केतु के बीच के ग्रह कमजोर हों या अशुभ स्थिति में हों, और शुभ ग्रहों का प्रभाव ना हो, तब यह योग दोष का रूप ले लेता है।

ऐसी स्थिति में व्यक्ति को निम्नलिखित समस्याएं आ सकती हैं:

  • बार-बार असफलता या विलंब
  • अचानक धन हानि
  • मानसिक बेचैनी या भय
  • रिश्तों में तनाव
  • करियर में रुकावट
  • स्वास्थ्य संबंधी परेशानी

यदि ये लक्षण बार-बार दिखाई दें, तो यह संकेत हो सकता है कि काल सर्प योग अब दोष के रूप में प्रभाव डाल रहा है।

उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा क्यों विशेष मानी जाती है?

उज्जैन भगवान महाकाल की नगरी है, जहां काल का भी नियंत्रण भगवान शिव के अधीन है। यहां की गई कालसर्प दोष शांति पूजा का फल अन्य स्थानों की तुलना में अधिक प्रभावी माना जाता है।

पंडितों के अनुसार, उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और राहु-केतु का प्रभाव कम होकर सकारात्मक परिणाम देने लगता है।

निष्कर्ष

हर काल सर्प योग को दोष मान लेना सही नहीं है। यह जरूरी है कि पहले कुंडली की सटीक जांच की जाए और समझा जाए कि यह योग किस प्रकार का प्रभाव दे रहा है। यदि यह योग वास्तव में दोष का रूप ले चुका है, तो योग्य पंडित की सलाह से उचित पूजा करवाना सबसे सही कदम होता है।

उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा बुक करें

यदि आपकी कुंडली में काल सर्प योग या दोष बन रहा है और आप इसका सही समाधान चाहते हैं, तो हमारे माध्यम से उज्जैन में अनुभवी आचार्य द्वारा करा सकते है। पूजा की अधिक जानकारी व कुंडली मे स्थित किसी भी प्रकार के दोष के निवारण उपाय हेतु आप नीचे दिये गए नंबर पर संपर्क कर सकते है।

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